जैव प्रौद्योगिकी क्या है एवं उसके उपयोग (Biotechnology)

जैव प्रौद्योगिकी
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हेल्लो दोस्तों कैसे हैं आप आशा करता हूँ सब बढ़िया होंगे। हमने आपको पिछले आर्टिकल में बताया परागण किसे कहते हैं। और आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने जा रहे हैं। जैव प्रौधोगीकी क्या है जैव प्रौद्योगिकी से सम्बंधित जानकारी आपको देने वाले हैं। जैव  प्रौधोगीकी क्या है इसका सिद्धांत जैव प्रौद्योगिकी ncert पूरी जानकारी जानने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक ध्यानपूर्वक पढना होगा।

पारिस्थितिकी (Ecology) की परिभाषा

जैव प्रौद्योगिकी क्या है? (What is Biotechnology)

Biotechnology शब्द का प्रयोग कार्ल इरेकी (Ereky Ereky) ने किया था। Biotechnology दो शब्दों से मिलकर बना होता है। वह बायोलॉजी जो टेक्नोलॉजी पर निर्भर करती हो बायोटेक्नोलॉजी कहते हैं। ये बायोटेक्नोलॉजी मानव कल्याण के लिए बहुत ज्यादा उपयोगी होती है।

EFB ने बायोटेक्नोलॉजी की सर्वमान्य परिभाषा दी है। जो प्राचीन तथा आधूनिक संसाधनों पर निर्भर करती हैं।

EFB= European Federation of Biotechnology

father of technology- Karl Ereiky 

Father of Indian biotechnology- Kiran Mazunder & Lalji singh 

जैव प्रौद्योगिकी के सिद्धांत (Principles of Biotechnology)

बायोटेक्नोलॉजी के सिद्धांत आधूनिक सिद्धांत पर निर्भर है। इसलिए इन सिद्धांतो को Moden Biotechnology कहा जाता है। बायोटेक्नोलॉजी के सिद्धांत निम्नलिखित हैं।

  1. Camical Engenering रासयनिक अभियन्त्रिकी
  2. Genetic Engenering आनुवंशिक अभियन्त्रिकी

Principles of Biotechnology

Chemical Engenering (रासयनिक अभियन्त्रिकी)

इसके अन्तगर्त एक कोशिका जीव  तथा कुछ सुवविक्सित एक कोशीय जीव को Culuthere किया जाता है। तथा फिर इन से Anti Biotic तथा Enjame का उत्पादन किया जाता है।

Genetic Engenering (आनुवंशिक अभियन्त्रिकी)

जब किसी जीव के DNA या Gens में परिवर्तन कर दिया जाता है तथा इस कारण जीव का Phenotype परिवर्ति हो जाता है। इसी को genetic Engenring कहते हैं Gene Enginring को ही Recombiant  DNA Technology कहते हैं।

 अनुवंशिक अभियांत्रिकी के यन्त्र (Tools of Genetic Engenering)

Biotechnology या Genetic Engenering में निम्न प्रकार के Tools प्रयोग होते हैं।

Enzyme

Genetic Engenering में प्रयोग होने वाला सबसे प्रमुख Tools Enzyme है Enzyme निम्न प्रकर के होते हैं। जो Biotech में उपयोग की जाते हैं।

  • Leytic Enzyme

वे Enzyme जो कोशिका की कोशिका भित्ति तथा कोशिका झिल्ली को नष्ट करते हैं। Leytic Enzyme कहलाते हैं। तथा इनकी सहयता से DNA को बहार निकला जाता है।

  • Cleaving Enzyme

वे Enzyme जो DNA को कट करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं। उन्हें Cleaving Enzyme कहते हैं। ये मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं।

  • Exnonuc Lease

वह Enzyme जो DNA को बहरी सिरों से कटता है उसे Exonuc Enzyme कहते हैं।

  • Endonuc Lease

वे Enzyme जो DNA को अंदर से किसी विशिष्ट स्थान से काटते हैं तव उन्हें Endonuc Enzyme कहते हैं।

Ex- Restriction Endonucleas (प्रतिवंध इन्डो न्युकिलो एंजाइम)

प्रतिवंध इन्डो न्युकिलो एंजाइम (Restriction Endonucleas)

Nathans तथा Smith ने Hemophilus Infuenzae नामक Bactiria की कोशिका से एक Endonuclease प्राप्त किया था। जिसे Restriction Enzyme कहते हैं। इस खोज के लिए इसने 1878 में नोवल पुस्कार से सम्मानित किया गया।

Eco R Ith एक Restrication Endonucleas Enzyme है। जिसकी खोज Arber Smith Nathans ने Ecolai Bactiriya से की थी। ये Restrication Enzyme DNA को विशिष्ट स्थानों से कटता है। जहाँ पर 6-Nucleotids का विशेष अनुक्रम पाया जाता है। इस अनुक्रम को Polindromic Sequence कहते हैं। इस स्थान को Restriction Site भी कहते हैं। Restriction Enzyme को DNA का चाकू अणविक कैची कहते हैं।

DNA Ligase

DNA के टुकडो को जुड़ने का काम DNA Legase करता है।

Bactor (Plasmid)

वेक्टर डीएनए के रूप में Plasmid का प्रयोग किया जाता है। ये प्लाज्मिड विदेशी डीएनए या जिन को जोडकर स्वतंत्र रूप से अपनी सांख्य बढ़ा देता है। बैक्टीरिया के अंदर डीएनए के अतिरिक्‍त Extra cheromosomle Genitic Matarial पाया जाता है।

Bactor DNA (Plasmid) के गुण

  • ये कोशिका का स्वत्रंत रूप से गुणांक करते हैं।
  • इनके पास Restrenes प्रतिरूधी स्थल पाये जाते हैं।
  • इनके पास Selectable Marker होते हैं।
  • इनमे Restication Site होती है।

Bactor dna

P.C.R क्या है?

P.C.R का पूरा नाम Polymarse Chain Reaction है। इस तकनीक को 1983 में Kary Muleis ने स्पष्ट किया।

P.C.R में Gane या DNA के टुकडो की Maltiple Copies बहुत ही कम समय में तैयार की जाती है। अथार्त DNA अणुओ को Amplifyeng करना करना ही P.C.R कहलाता है। P.C.R Eppendorf Teube में होती है तथा ये In-Vetro Condision में होती है। P.C.R में Taq-Polymerse नामक Enzyme प्रयुक्त किया जाता है तथा ये enzyme Thermus Aquticus नामक जीवाणु से प्राप्त किया जाता है। तथा ये एंजाइम ताप प्रतिरुधि होता है। P.C.R में तीन चरण होते हैं।

  • Denaturation (94०C)
  • Annealing (Cooling (54०C)
  • Extenscond (72०C)

Bio Reactor

Bio Reactor एक बेलनाकर संरचना है जिसमें बड़ी मात्रा में पदार्थ का उत्पादन किया जाता है। इसमें Microbes Plants Animan तथा Human की कोशिकाओ समाधान किया जाता है। इसमें 100 से 1000 लीटर तक की मात्रा में Culther बनाया जा सकता है। बायो रिएक्टर में अधिकतम वृधि के लिये Optimum Temperature P.H Subsrete Salts विटामिन आक्सीजन प्रयोग किया जाता है।

सबसे ज्यादा और सबसे अधिक प्रयोग में आने वाला Bioreactar Sticreng Type (विलोडन प्रकार)

जैव प्रोधौगिकी तथा इसके अनुप्रयोग(Biotechnology & its  applications)

Biotechnology का प्रयोग Human Life के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 21th century को Age of Genetic Engineering कहते हैं। Biotechnology का प्रयोग क्रषि स्वास्थ Medicinal Field Transgenic Crop तथा Transgenic Animals etc. के उत्पादन में किया जाता है।

GMO= Genetically modified Organism

ऐसे plants एनिमल बैक्टीरिया & fungi जिनके Gane को Manipalation द्वारा सुधारा जाता है तव इन्हें गमो कहते हैं।

In Agricullure (कृषि में)

बायोटेक्नोलॉजी का कृषि क्षेत्र में मानव के लिए बहुत बड़ा उपयोग है। भारत में हरित क्रांति(Green Revalestion) बायोटेक्नोलॉजी की ही दें है। डॉक्टर एमएस स्वामी नाथन भारतीय हरित क्रांति के जनक है। जैव प्रोधौगिकी से जैव रूपांतरित फसलें तैयार की जाती हैं।

परागण (Pollination) किसे कहते हैं?

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको जैव प्रौद्योगिकी जैव प्रौद्योगिकी क्या है। जैव प्रौद्योगिकी के सिद्धांत जैव प्रौद्योगिकी के जनक के बारे महत्वपूर्ण जानकारी आपको हमने इस आर्टिकल के माध्यम से दी आशा करता हूँ। अब आपको जैव प्रौद्योगिकी क्या है जैव प्रौद्योगिकी के सिद्धांत अनुवांशिक अभिन्त्रिकी के बारे में आपको पूरी जानकारी मिल गई होगी। अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों में शेयर करें। ताकि जैव प्रौद्योगिकी से सम्बंधित जानकारी उन्हें भी प्राप्त हो सके। एक बार हमें कमेंट करके जरुर बताएं। आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा धन्यवाद। रोजाना इस्तेमाल में या फिर पढाई में आने वाले लेख आपको इस वेबसाइट पर हमेशा मिलते रहेंगे।

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