परागण (Pollination) किसे कहते हैं? परागण के प्रकार

परागण किसे कहते हैं
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हेल्लो दोस्तों कैसे हैं आप लोग आशा करता हूँ सब बढ़िया होंगे। दोस्तों पिछले आर्टिकल में हमने आपको बताया पारिस्थितिकी ecology क्या होती है? और आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे परागण किसे कहते हैं कृत्रिम परागण किसे कहते हैं। परागण की बिधियाँ और अगर आप जनना चाहते हैं परागण किसे कहते हैं। जानने के लिए हमारे द्वारा लिखे आर्टिकल को अंत तक ध्यनपूर्वक जरुर पढ़ें।

परागण किसे कहते हैं? (Who is the Pollination)

Anther से निकला परागकण पुष्प के मादा भाग Stigma वर्तीकंग्र पर पहुंचाता हैं तब इस क्रिया को pollination कहते हैं।

परागण मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं।

  1. स्वायुग्मन(autogamy)
  2. सजात पुष्पी परागण (Gitonogamy)
  3. पर परागण पर निषेचन (Xenogamy)

स्वायुग्मन (autogamy)

जब एक पुष्प परागकोण से निकला परागण उसी पुष्प के मादा भाग वर्तीकंग में पहुच जाता है। तव इस प्रकार के परागण को ही स्वायुग्मन (autogamy) कहते हैं।

सजात पुष्पी परागण (Gitonogamy)

एक ही पौधे के दो अलग अलग पुष्पों के मध्य होने वाले परागण को सजात पुष्पी परागण (Gitonogamy) कहते हैं।

पर परागण पर निषेचन (Xenogamy)

जब एक ही जाति के दो अलग अलग अलग पौधे के पुष्पों के बीच दो परागण होते हैं तो उसे पर परागण पर निषेचन (Xenogamy) कहते हैं। इसी को V.Xenogamy Allogamy भी कहते हैं।

परागण के आधार पर पुष्पीय पौधों के प्रकार

परागण के आधार पर पुष्पीय पौधे तीन प्रकार के होते हैं।

  1. Minoclinious Plant (द्विलिंगी श्रायी पौधा)
  2. Monocious Plant ( उभय लिंग श्रायी पौधा )
  3. Monoclinous plant ( एक लिंग श्रायी पौधा )

Minoclinious Plant (द्विलिंगी श्रायी पौधा)

इसमें पौधे द्विलिंगी पौधे होते हैं जबकि पुष्प भी द्विलिंगी  होते हैं

Ex- मटर सरसों आम गुडहल इत्यादि।

Monocious Plant (उभय लिंग श्रायी पौधा)

इसमें पौधा द्विलिंगी होता है तथा पुष्प एकलिंगी होते हैं अथार्त नर पुष्प अलग तथा मादा पुष्प अलग होते हैं।

Ex-  अरण्डी,मक्का,नरियल,खीरा तथा कददू इत्यादि।

Monoclinous plant ( एक लिंग श्रायी पौधा )

इस पौधे में पुंकेसर तथा स्त्रीकेसर में से एक भाग होता है उन्हें  Monoclinous plant एक लिंग श्रायी पौधा कहते हैं।

Ex- पपीता,ककड़ी,घिया,इत्यादि।

वायु परागण क्या है?(Wind pollination)

जब परागकोष से निकला परागकण वायु के माध्यम से मादा भाग विर्तीकागत पर पहुंचाते है तव इस क्रिया को वायु परागण कहते हैं। वायु परागण में परागकण अधिक मातत्रा में बनते हैं तथा ये परागकण छोटे तथा शुष्क होते हैं। इसमें वर्तीग्रत चपती पंखानुमा रोमिल तथा चिपचिती होती है।

वायु परागण क्या है

जन्तु परागण क्या है?( Animal Polination)

परागकोष से निकला परागकण जन्तुओ के माध्यम से वर्तीकाग्र पर पहुचता है त्व इस क्रिया को जन्तु परागण कहते हैं। जन्तु परागण को Zoophily भी कहते हैं। जिन पुष्पों में जन्तु परागण होता है। वे पुष्प बहुत ही सुन्दर आकर्षित सुगन्धित तथा मकरन्द युक्त होता है। जन्तु परागण के अंतग्रत निम्न परागण आते हैं।

Ex- किट परागण पक्षी परागण धोधा तथा चीटी परागण इत्यदि आते हैं।

यक्का पौधे में Pronuba Female moth के माध्यम से परागण होता है। जब दो जीव जातिया आपस में रहकर एक दुसरे को लाभ पहुचती हैं तब इस स्थति को सहजीवनी कहते हैं।

सबसे लम्बा पुष्प (Tallest Flower)

Amarephophalus  6 फिट का होता है। इसका बजन लगभग 10 से 15Kg होता है।

बीजण्ड में परागनी का प्रवेश (entry of pollen into the ovule)

बीजण्ड में परागनली तीन परके से पवेश करती है।

Porogamy

जब परागनली nucleus (नाभिक) के माध्यम से बीजण्ड में प्रवेश करती है तव इस स्थति को Porogamy कहते हैं।

Chalazogamy

जब परागनली Chalazogamy के माध्यम से बीजण्ड में प्रवेश करती है तव इस स्थति को Chalazogamy कहते हैं।

Mesogamy

जब परागनली Integument  के माध्यम से बीजाण्ड में प्रवेश करती है तव इस स्थति को Mesogamy कहते हैं।

दोहरा निषेचन (Double Fertization)

दोहरा निषेचन Double Fertization आवृत्तबीजी पौधे का मुख्य गुण है। नवाशिन नामक वैज्ञानिक ने दोहरे निषेचन की खोज Tritllaria Lilum नमक पौधे से की थी। आवृत्तबीजी पौधे में गुग्मक दो वार समाहित(Fuse) होते हैं। प्रथम बार Syngamy के द्वारा दूसरी बार Triple Fusicn के द्वारा होता है। तव इस पूरी क्रिया को दुहरा निषेचन कहते हैं। दुहरा निषेचन की क्रिया को निम्न दो चरणों में पूर्ण होता है।

  1. संयुग्मन
  2. त्रिक संलयन

दोहरा निषेचन

संयुग्मन (Syngamy)

जब प्रथम बार नर युग्मक 1th male Gamete अण्ड कोशिका Egg Cell से Fuse होता है। तव zygcte का निर्माण होता है तव इस क्रिया को ही Syngamy कहते हैं। Syngamy को ही सत्य निषेचन (तुरे Fertilazation) कहते हैं। Syngamy की खोज Strasbury नमक वैज्ञानिक ने की थी।

त्रिकं संलयन (Triple Fusion)

जब द्वितीयक नर युग्मक 2 Male Gamete द्वितीयक केन्द्रक के साथ मिलता है तव भूणपोष (Endosperm) का निर्माण होता है तव इस क्रिया को त्रिकं संलयन कहते हैं। भूण पोष त्रिगुणिक (Triploid-3N) अवस्था में होता है। TripleFusion में दो कोशिकाए तथा तीन केन्द्रक भाग लेते हैं।

पश्च निषेचन  (post Fertilazation)

आवृत्तबीजी पौधों में निषेचन के बाद पुष्प की पखुडियां झड़ जाती हैं। इसके बाद  इसमें बहुत से परिवर्तन होते हैं अर्थात आवृत्तबीजी पुष्पों में निषेचन होने के बाद होने वाली सभी घाटनाओ की पश्च  निषेचन करते हैं। निषेचन के बाद अण्डाश्य से फल बनता है जबकि बीजाण्ड से बीज बनता है।

भूणपोष का विकास (development of endosperm)

जब द्वितीयक नर युगमुक तथा द्वितीया केंद्रक आपस में फ्यूज होते हैं। तव ट्रिपल फ्यूजन क्रिया के द्वारा PEC का निर्माण होता है। यह PEC लगातार विभजन करके कोशिकों का समूह को भूणपोषीय उत्तक Indosperm Tissue कहते हैं। इसकी प्रत्येक कोशिका में भोज्य पदार्थ के रूप में स्टार्च पाया जाता है। तथा स्टार्च का प्रयोग बीजो के भूणीय विकास तथा बीज अंकुरण में होता है। भूणपोषीय ऊतक विकसित होकर सुविकसित भूणपोष बनाते हैं।

 बीज(Seed)

लैंगिक जनन के अंतिम उत्पाद फल होते हैं निषेचित बीजाण्ड से बीज बनता है। किसानो के लिए बीज क्रषि का मुख्य आधार है। एक बीज में लगभाग 10 से 15% जल पाया जाता है। बीज तथा फाल दोंनो साथ-साथ विकसित होते हैं। एक सामान्य बीज में तीन संरचनायें पाई जाति हैं।

  1. Seed Coat (बीज आवरण)
  2. Embronal axuis (भूणीय अक्ष)
  3. cotyledon (बीजपत्र)

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको परागण किसे कहते हैं कृत्रिम परागण किसे कहते हैं। जंतु परागण इत्यादि के बारे में आपको बहुत महत्वपूर्ण जानकारी हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से आप तक पहुचाई। अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। ताकि परागण किसे कहते हैं इससे सम्बंधित जानकारी उन्हें भी प्राप्त हो सके। एक बार हमें कमेंट करके जरुर बताएं। आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा धन्यवाद।

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