मनोविज्ञान क्या है? मनोविज्ञान के जनक कौन हैं एवं सिद्धांत

मनोविज्ञान क्या है?
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मनोविज्ञान क्या है?

हेल्लो दोस्तों स्वागत है आपका हमारी इस हिंदी केमिस्ट्री की वेवसाइट पर। आज के इस आर्टिकल में हम आपको मनोविज्ञान क्या है? मनोविज्ञान का अर्थ क्या होता है? मनोविज्ञान के जनक कौन हैं? मनोविज्ञान के क्षेत्र कौन कौन से हैं? और मनोविज्ञान का सिध्दांत क्या है? इसके बारे में विस्तार के साथ बताएँगे। पिछले आर्टिकल में हमने आपको किशमिश खाने के फायदे, किशमिश खाने का सही तरीका और किशमिश खाने से वजन कैसे बढ़ता है? दूध के साथ किशमिश खाने के फायदे के बारे में बताया। आज हम मनोविज्ञान क्या है इसके बारे में बताएँगे।

आज के इस महत्वपूर्ण टॉपिक के बारे में जानने के लिए आप इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़े ताकि यह महत्वपूर्ण टॉपिक आप को अच्छे से समझ आ जाए। मनोविज्ञान शब्द सुनने में काफी अद्भुत लगता है। जिस प्रकार से ये सुनने में अद्भुत लगता है। उसी प्रकार से ये पढ़ने में भी अद्भुत लगता है। अब आप को भी लगता होगा कि आखिर ये मनोविज्ञान है क्या? तो इसकी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी हम आपको देने जा रहे हैं, तो बिना किसी देरी के शुरू करते हैं हम अपना आज का यह आर्टिकल मनोविज्ञान क्या है?

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मनोविज्ञान की परिभाषा (मनोविज्ञान क्या है?)

मनोविज्ञान एक ऐसा विज्ञान है, जो मानव के व्यवहार (Behaviour) एवं मानसिक तथा दैहिक प्रक्रियाओं (Mentan and Physiological Processes) का अध्यन करता है। मनोविज्ञान में मानव व्यवहार के साथ साथ पशु पक्षियों के व्यवहार का अध्यन भी सम्मिलित है। मनोविज्ञान अध्यन की वह शाखा है जो मन का अध्यन करती है। अर्थात “मनोविज्ञान” शब्द का शाब्दिक अर्थ है। मन का विज्ञान। मनोविज्ञान शब्द अंग्रेजी के शब्द साइकोलॉजी से बना है। साइकोलॉजी शब्द यूनानी भाषा साइकी और लोगस से मिलकर बना है। जिसमे साइकी (Psyche) का अर्थ आत्मा होता है और लोगस (Logos) का अर्थ अध्यन होता है। जिसका शाब्दिक अर्थ होता  है आत्मा का अध्यन। साइकोलॉजी शब्द का प्रथम बार प्रयोग रूडोल्फ गाइकिल ने 1590 में साइकोलॉजिया नाम की एक पुस्तक में  किया था। जिसे मनोविज्ञान का प्रथम ग्रन्थ भी कहा जाता है, और मनोविज्ञान की प्रथम पुस्तक भी कहा जाता है। दर्शनशास्त्र को मनोविज्ञान की जननी भी खा जाता है।

स्किनर के अनुसार – मनोविज्ञान मानव व्यवहार और अनुभव का विज्ञान है।

क्रो व क्रो अनुसार – मनोविज्ञान मानव व्यवहार ,मानव सम्बन्धो का अध्यन है।

वुडवर्थ के अनुसार – मनोविज्ञान वातावरण के सम्बन्ध में व्यक्तियों की क्रियाओं का वैज्ञानिक अध्यन है।मनोविज्ञान की परिभाषा

मनोविज्ञान के जनक(मनोविज्ञान क्या है?)

ऊपर के लेख में आपको बताया गया की मनोविज्ञान क्या है? और मनोविज्ञान की परिभाषा क्या है? अब हम आपको मनोविज्ञान के जनक के बारे में बताएँगे।और इसके साथ ही हम आपको इसके प्रकार के बारे बताएँगे।तो जानते हैं मनोविज्ञान के जनक के बारे में। अरतु (Aritotle) के प्रयासों से मनोविज्ञान दर्शनशास्त्र (Philosophy) से 16वीं शताब्दी में अलग हुआ। इसलिए अरस्तु को मनोविज्ञान का जनक (Father Of Psychology) कहा जाता है। अरस्तु प्लेटो के शिष्य थे।

आधुनिक मनोविज्ञान के जनक

इससे पहले के लेख में हमने आपको बताया है कि मनोविज्ञान के जनक कौन हैं? इससे भी पहले हमने आपको मनोविज्ञान क्या है? और मनोविज्ञान की परिभाषा क्या है? इसके बारे में बताया। अब आप आधुनिक मनोविज्ञान के जनक के बारे में जानेगे। विल्हेम मैक्समिलियन वुट (Wilhelm maxmilian wundt) जर्मनी के चिकित्सक दार्शनिक, प्राध्यापक थे। जिन्हें आधुनिक मनोविज्ञान का जनक माना  जाता है। क्योंकि इन्होने मनोविज्ञान की प्रथम प्रयोगशाला को स्थापित किया था। विलियम वुंट को प्रयोगात्मक मनोविज्ञान का जनक कहा जाता है।

मनोविज्ञान का विकास व प्रकार

मनोविज्ञान के विकास का क्रम निम्न है इसका एतिहासिक परिद्रश्य निम्न है।

प्रथम अवस्था – आत्मा का अध्यन

द्वतीय अवस्थामन का अध्यन

तृतीय अवस्था – चेतना का अध्यन 

चतुर्थ अवस्था – व्यवहार का अध्यन

प्रथम आत्मा का अध्यन

यदि हम देखे तो मनोविज्ञान की उत्पत्ति दर्शन शास्त्र से हुई है मनोविज्ञान में आने वाला विज्ञान 16वीं शताब्दी में जब अरतु आए तो अलग किया गया इसे आत्मा का विज्ञान कहा यानि आत्मा का अध्यन होता था इसके समर्थक प्लेटो, अरस्तु, डेकारटे और रूडोल्फ थे।

दूसरा मन/मस्तिष्क का विज्ञान

इसकी शुरुआत 17वीं शताब्दी में हुई इसकी शुरुआत इटली में पोम्पोलाजी ने की। इन्होने साइकोलोजी को दो भागो में विभक्त किया।साइकी और लोगस साइकी का अर्थ होता है साइकि की अर्थ होता है मन और लोगस का अर्थ होता है अध्यन करना अर्थात इस कारण इसे मन का विज्ञान कहा गया। इसके समर्थन करता जॉनलाक, रिचेरी, अरु थामसरी थे

तीसरा चेतना का विज्ञान

कहा गया है इसके जनक जर्मनी के वैज्ञानिक विलियम वुंट को माना जाता है इसे चेतना का विज्ञान 19वीं शताब्दी में कहा गया। चेतना के विज्ञान को हम अनुभूति का विज्ञान भी कहते हैं। इसके समर्थक विलियम जेम्स, वाईव्स, जेम्स सुली, एडवर्ड ब्रेडफोर्ड टिचनर थे।

चौथा व्यवहार का विज्ञान

जैसे जैसे समय बीतता गया वैसे वैसे व्यवहार का विज्ञान इसे कहा जाने लगा। यह समय था 20वीं शताब्दी इसके जनक थे जे. वी. वाटसन ये अमेरिका के थे। इसके समर्थन करता स्किनर, पावलाव, वुडवर्थ, सी. एल. हल और वाटसन थे।

मनोविज्ञान के संप्रदाय (मनोविज्ञान क्या है?)

दोस्तों आप ने मनोविज्ञान क्या है? इसकी परिभाषा क्या है? मनोविज्ञान के जनक और आधुनिक मनोविज्ञान के जनक कौन हैं? इसके बारे में जाना और इसके साथ साथ मनोविज्ञान के विकास के बारे में भी काफी जानकारी प्राप्त की। अब हम आपको मनोविज्ञान के संप्रदाय के बारे में बताएँगे जिससे कि आपको मनोविज्ञान के संप्रदाय के बारे में पता चल सके। तो जानते हैं मनोविज्ञान के संप्रदाय के बारे में।

 मनोविज्ञान क्या है? मनोविज्ञान के संप्रदाय से आशय है विज्ञान के किसी ऐसे समूह से जो मनोविज्ञान के अध्यन के उद्देश से जो सामान विचार धरा तथा विधियों का अध्यन करते हैं। इसमें हम पांच प्रकार के संप्रदाय का अध्यन करेंगे।

  1. संरचनावाद (Structuralism)
  2. प्रकार्यवाद (Functionalism)
  3. व्यवहारवाद (Behaviourism)
  4. समग्रवाद (Gestaltism)
  5. मनोविश्लेषणवाद (Psycho-Analysis) 

1. संरचनावाद

संरचनावाद का प्रारम्भ 1879 में हुआ था। इसके मुख्य प्रवर्तक विलियम वुंट और ई.बी. टिचनर थे। इसका अन्य नाम आत्मनिरीक्षणवाद, अस्तित्ववाद है। इसके मुख्य प्रकरण संवेदना है। इसकी मुक्य विधि अंतर्दर्शन है।

2. प्रकार्यवाद

प्रकार्यवाद का प्रारम्भ 1900 में हुआ था। इसके मुख प्रवर्तक जॉन डीवी, एंजिल, कैटिल तथा वुटवर्थ थे। इसका अन्य नाम कार्यवाद भी है। इसका मुख्य प्रकरण चेतना की कार्यात्मक उपयोगिता है। इसकी मुख्य विधि अंतर्दर्शन है।

3. व्यवहारवाद

व्यवहारवाद का प्रारम्भ 1912 में हुआ था। इसके मुख्य प्रवर्तक पावलाव और वाटसन थे। इसका मुख्य प्रकरण व्यवहार है और इसकी मुख्य -विधि प्रयोग व निरिक्षण है।

व्यवहारवाद

4. समग्रवाद

समग्रवाद का प्रारम्भ 1912 में हुआ था। इसके मुख्य प्रवर्तक वरथीमर, कोहलर, कोफ्का और कुर्ट लेविन थे। इसका अन्य नाम गेस्टाल्टवाद था। इसके मुख्य प्रकरण प्रत्यक्षीकरण व स्मरण हैं। इसकी मुख्य विधि अंतर्दर्शन, निरिक्षण और प्रयोग हैं।

5. मनोविश्लेषणवाद

मनोविश्लेषणवाद का प्रारम्भ 20वीं शताब्दी में हुआ था। इसके मुख्य प्रवर्तक सिगमंड फ्रायड, अल्फ्रेड एडलर,तथा कार्ल जुंग थे। इसके मुख्य प्रकरण अचेतन मानसिक क्रिया हैं। तथा इसकी मुख्य विधि निरिक्षण है।

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निष्कर्ष (मनोविज्ञान क्या है?)

इस आर्टिकल में हमने विस्तार के साथ बताया है कि मनोविज्ञान क्या है? मनोविज्ञान के जनक कौन हैं? आधुनिक मनोविज्ञान के जनक कौन हैं। मनोविज्ञान की परिभाषा क्या है। और इसके साथ साथ हमने आपको मनोविज्ञान के विकास और मनोविज्ञान के संप्रदाय के बारे में बताया है। इसी प्रकार के नये नये जानकारी भरे आर्टिकल हम अपनी इस वेवसाइट पर लेकर आते रहते हैं। इसी प्रकार की नई नई जानकारी पाने के लिए जुड़े रहिए हमारी हिंदी केमिस्ट्री की वेवसाइट के साथ तब तक के लिए धन्यवाद।

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