विटामिन कितने प्रकार के होते हैं विटामिन के कार्य – Vitamin A, E, C, B

विटामिन (Vitamin)
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विटामिन (Vitamin)

हेल्लो दोस्तों स्वागत है आपका हमारी हिंदी केमिस्ट्री की वेबसाइट पर। आजके इस आर्टिकल में हम आपको विटामिन के नाम, विटामिन A, विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन E, विटामिन डी किसे कहते हैं, विटामिन(Vitamin) के कार्य, विटामिन(Vitamin) चार्ट, विटामिन(Vitamin) के प्रकार आदि के बारे में विस्तार के साथ बताएँगे। इसके साथ साथ हम आपको विटामिन डी कैसे बढ़ाएं इसके बारे में बताएँगे। यह एक बहुत महतवपूर्ण टॉपिक है। जिसके बारे में बायोलॉजी से सम्बंधित स्टूडेंट्स को पता होना चाहिए। हमारे शरीर में किस विटामिन की कमी के कारण कौन कौन से रोग उत्पन्न हो सकते हैं। इसके बारे में सभी को पता होना चाहिए।

पिछले आर्टिकल में हमने आपको ब्लड प्रेशर हाई और लो क्यों होता है इसके बारे में बाताया। जो एक बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसके बारे में प्रत्येक व्यक्ति को पता होना चाहिए। अगर आपने अभी तक हमारा यह आर्टिकल नहीं पढ़ा है तो आप हमारी इस वेबसाइट पर इस टॉपिक को पढ़ सकते हैं। इसमें हमने आपको विस्तार के साथ ब्लड प्रेशर के बारे में बताया है। आज हम आपको विटामिन के वारे में विस्तार के साथ बताएँगे। विटामिन से सम्बन्धित जानकारी पाने के लिए हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़े। ताकि यह टॉपिक आपको अच्छे से समझ आ सके। आइए जानते हैं विटामिन क्या होते हैं।

ब्रेन किसे कहते हैं?

विटामिन(Vitamin) किसे कहते हैं?

ऐसे कार्बनिक पदार्थ जो जीवन के लिए आवशयक होते हैं या हम कह सकते हैं। भोज्य पदार्थो में पाए जाने वाले जटिल कार्बनिक पदार्थ जो शरीर की वृद्धि तथा पोषण करते हैं तथा इनकी कमी से शरीर में रोग उत्पन्न हो जाते हैं विटामिन कहलाते हैं। विटामिन हमारे शरीर के लिए आवश्यक होते हैं। इन्हें हम भोज्य पदार्थो के द्वारा प्राप्त करते हैं। विटामिन की सूक्ष्म मात्रा जंतु शरीर के सामान्य उपापचय के लिए आवश्यक होती है। विटामिन की कमी के कारण शरीर में विभिन्न रोग उत्पन्न हो जाते हैं।

विटामिन की खोज 1881 ईसवी में एन. आई. लूनिन ने की थी और इन्होने बताया कि स्वास्थ्य शरीर के लिए भोजन में अन्य पदार्थो के अतिरिक्त इन पदार्थो का भी सूक्ष्म मात्रा में होना आवश्यक है। वैज्ञानिक फुंक ने सर्वप्रथम 1912 में विटामिन नाम उपयोग किया। इसके बाद वैज्ञानिक हाप्किन्स तथा फुंक ने विटामिन थ्योरी को प्रस्तुत किया। जिसमे उन्होंने वताया की प्रत्येक रोग आहार में किसी न किसी विशेष विटामिन की कमी से होता है। विटामिन स्वयं या तो उपापचयी उत्प्रेरको का काम करते हैं या सह एन्जाएमो के संयोजन में भाग लेते हैं।

विटामिन(Vitamin) किसे कहते हैं

विटामिन (Vitamin) के प्रकार

विटामिन (Vitamin) को दो भागो में बाटागया है।

  1. जल में घुलनशील विटामिन
  2. वसा में घुलनशील विटामिन

जल में घुलनशील विटामिन

यह विटामिन जल में विलेय होते हैं। जल में घुलनशील विटामिन की आवश्यकता से अधिक मात्रा का मूत्र के साथ उत्सर्जन होता रहता है। अतः शरीर में इनका संचय नहीं होता है। इसलिए इन्हें प्रतिदिन भोजन से ग्रहण करना आवश्यक होता है। इस वर्ग के विटामिन तेल तथा वसा में अविलेय होते हैं। उदाहरण- विटामिन B कॉम्प्लेक्स तथा विटामिन C इस वर्ग के विटामिन हैं।

विटामिन B

इस विटामिन को वैज्ञनिक फुंक ने चावल की चीलन से प्रथक किया था। उन्होंने इसे विटामिन बी नाम दिया था। इसके बाद 10 ऐसे ही विटामिन के खोज की । जिन्हें विटामिन बी कॉम्प्लेक्स का नाम दिया गया। इस प्रकार विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के अंतर्गत विटामिन B1, विटामिन B2, विटामिन B6 और B12 आदि विटामिन आते हैं।

बिटामिन B1

विटामिन B1का रासायनिक नाम थायमीन होता है यह दाल, हरी सब्जियों, दूध अंडा तथा सोयाबीन में पाया जाता है। इसकी कमी से बेरी बेरी रोग हो जाता है।

विटामिन B2

विटामिन B2 का रासायनिक नाम राइबोफ्लेविन होता है। यह जल में विलय तथा वसा में अविलेय होता है। यह मटर, पनीर, दूध अंडा व मास आदि में पाया जाता है। इसकी कमी से किलोसिस रोग हो जाता है जिसमे होटों तथा मुह के किनारों का फटना शामिल हैं।

विटामिन B6

इस विटामिन का रासायनिक नाम पायरिडोक्सिन होता है। यह जल में विलेय तथा तेल व वसा में अविलेय होता है। यह खमीर, दूध, अंडा, बंदगोबी में पाया जाता है। इसकी कमी से नींद न आना, दुर्बलता व तंत्रिका तंत्र में अनियमितता आदि रोग उत्पन्न हो जाते है।

विटामिन B12

इस विटामिन का रासायनिक नाम साइनोकोवालऐमीन होता है। यह जल में विलेय होता है। परन्तु बसा व तेल में अविलेय होता है। विटामिन B12 पनीर दूध मास मछली अंडा आदि में पाया जाता है। इसकी कमी से पर्निसियस एनीमिया नमक रोग हो जाता है।

विटामिन C

इस विटामिन का रासायनिक नाम एस्कोर्विक एसिड होता है। यह विटामिन जल में विलेय होता है और वसा व तेल में अविलेय होता है। इसका अणुसूत्र C6H8O6 होता है। विटामिन C के स्त्रोत नीवू , संतरा, आवला तथा अनन्नास, हरी सब्जियाँ व रसीले फल आदि होते हैं। इसकी कमी से स्कर्वी नामक रुग हो जाता है।

विटामिन चार्ट (Vitamin Chart)

विटामिन चार्ट (Vitamin Chart)

वसा में घुलनशील विटामिन

यह विटामिन तेल तथा वसा में विलेय होते हैं। वसा में घुलनशील विटामिन का मूत्र के साथ उत्सर्जन नहीं होता है। तथा वसा ऊतको में इनका कुछ संचय होता है जिसके कारण इन्हें प्रतिदिन भोजन से ग्रहण करना आवश्यक नहीं होता है। इस वर्ग के विटामिन जल में अविलेय होते हैं। उदाहरण।- विटामिन A, विटामिन D, विटामिन E तथा विटामिन K इस वर्ग के विटामिन होते हैं।

विटामिन A

इस विटामिन का रासायनिक नाम रेटिनॉल होता है। यह विटामिन वसा व तेल में विलेय होता है। जल में अविलेय होता है। इसका अणुसूत्र C20H30O होता है। विटामिन A का स्त्रोत मक्खन दूध दाले मछली हरी सब्जियां आदि होते हैं। इस विटामिन की कमी से रतौंधी, त्वचा का शुष्क होना आदि रोग हो जाते हैं। कम प्रकाश में दिखाई न देना, धब्बे दिखना, आँखों से लिसलिसे पदार्थ का निकलना आदि इसके लक्षण हैं।

विटामिन D

इस विटामिन का रासायनिक नाम कैल्सिफेरोल होता है यह वसा व तेल में विलेय होता है तथा जल में अविलेय होता है। इसका अणुसूत्र C28H44O होता है। विटामिन डी के स्त्रोत सूर्य के प्रकाश से त्वचा द्वारा मिलता है दूध, मछली के यकृत का तेल, मक्खन, अंडा मास आदि हैं। इन स्त्रोत का प्रयोग करके हम विटामिन डी को बढ़ा सकते हैं। विटामिन D की कमी से रिकेट्स अस्थि रोग बच्चो में, वयस्को में ओस्टियो मैलेशिया आदि रोग हो जाते हैं।

विटामिन E

इस विटामिन का रासायनिक नाम टेकोफेरोल्स होता है। यह वसा तथा तेल में विलेय व जल में अविलेय होता है। इसका अणुसूत्र C29H50O2 होता है। विटामिन E के स्त्रोत  वनस्पति तेल, सूरजमुखी का तेल, दूध, अंडा आदि होते हैं। इसकी कमी से मास्पेसियों में कमजोरी, प्रजनन क्षमता का ह्रास हो जाता है।

विटामिन K

इस विटामिन का रासायनिक नाम फाइलोक्विनोंन होता है। यह वसा व तेल में विलेय होता है व जल में अविलेय होता है। इसका अणुसूत्र C31H46O2 होता है। विटामिन K के स्त्रोत हरी पत्तेदार सब्जियां, सोयाबी, गोभी आदि होते हैं। इसकी कमी से रक्त स्कंदन रोग हो जाता है। इस रोग में रक्त का थक्का जल्दी नहीं जमता है।

विटामिन (Vitamin) के कार्य

विटामिन के कई कार्य होते हैं यहाँ हम आपको विटामिन K के महत्वपूर्ण कार्यो के बारे में बताएँगे।

  • यह गर्भस्थ शिशु के विकास तथा उत्तम स्वास्थ के लिए आवश्यक है।
  • यह हड्डियों के लिए क्लाल्शियम के अवशोषण के लिए आवश्यक होता है।
  • यह वृद्धावस्था में हड्डियों की रक्षा के लिए आवश्यक होते हैं।
  • ये पाचन तंत्र के लिए भी आवश्यक होते हैं।

पादप कोशिका

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको विटामिन(Vitamin) के नाम, विटामिन A, विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन E, विटामिन डी किसे कहते हैं, विटामिन के कार्य, विटामिन चार्ट, विटामिन के प्रकार आदि के बारे में विस्तार के साथ बताया है इसके साथ साथ हम आपको विटामिन डी कैसे बढ़ाएं इसके बारे में बताएँगे। यह एक बहुत महतवपूर्ण टॉपिक है जिसके बारे में बायोलॉजी से सम्बंधित स्टूडेंट्स को पता होना चाहिए। हमारे शरीर में विटामिन की कमी के कारण कौन कौन से रोग उत्पन्न हो सकते हैं इसके बारे में सभी को पता होना चाहिए। इसी प्रकार की जानकारी हम अपनी हिंदी बायोलॉजी की वेबसाइट पर देते रहते हैं अन्य टॉपिक की जानकारी पाने के लिए जुड़े रहिए हमारे साथ तब तक के लिए धन्यवाद।

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