निषेचन किसे कहते हैं? What is Fertilization

निषेचन
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हेल्लो दोस्तों कैसे हैं आप लोग आशा करता हूँ। आप लोग बहुत बढ़िया होंगे। हमने पिछले आर्टिकल में आपको बताया। जैव प्रौद्योगिकी क्या है? और आज के इस आर्टिकल हम आपको बताएँगे निषेचन किसे कहते हैं? निषेचन किसे कहते हैं उदहारण सहित समझाइये निषेचन किसे कहते हैं। हिंदी में आपको पूरी जानकारी देने वाले हैं। निषेचन किसे कहते हैं परिभाषा जानने के लिए इस आर्टिकल को अंत तक ध्यानपूर्वक पढ़ें।

निषेचन

मादा के अण्डवाहनी में शुक्राणु तथा अण्डाणु मिलकर zygote बनाते हैं। तव इस क्रिया को निषेचन कहते हैं। निषेचन मुख्य रूप से Ampullary Isthmic Jucntion पर होता है। निषेचन से बने zygote में 46 गुणसूत्र बनते हैं। निषेचन के दौरान बने हुई zygote में लगातार विभाजन होता है। तव Marula बनता है। इसके ये Marula Blastula 8 से 13 सेल की अवस्था को Marula कहते हैं। Blastula को ही Blastay कहते हैं जो 32 कोशिका अवस्था Blastala माँ के गर्भशय से आन्तरिक परत Indomaturium से चिपक जाता है। इस घटना को Indomatirulum कहते हैं। Blastula में किनारे पर जो कोशिकाए पाई जाती हैं उन्हें Indomatirum कहते हैं।

पारिस्थितिकी (Ecology) की परिभाषा

गर्भावस्था (Pregnancy)

Impalantatio के बाद इसे Trupohblast में उगली नुमा Trupohblast होता है। ये Chorionie Velli गर्भशय उतक से जब पूरी तरह से घिर जाती है। तो प्लेसेंटा का निर्माण होता है। गर्भाशय तथा भ्रुण के बिच में प्लेसेंटा एक क्रियात्मक इकाई तथा संरचनात्मक इकाई है। यह प्लेसेंटा एक नली नुमा संरचना के मध्यम से भ्रूण से जुडी रहती है तथा नली के मध्यम से ठोसक पदार्थ को आने जाने  का रास्ता प्रधान करती है। इस नली को नाभि रंजू (Umblicalied) कहते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान केवल तीन प्रकृति के हार्मोन स्रावित होते हैं।

  1. HCG (प्लेसेंटा से निकलता है।)
  2. LPL (प्लेसेंटा से निकलता है।)
  3. Relaxin ( Ovary से निकलता है।)

प्रेग्नेंसी के दौरान माँ के रुधिर में निम्न हार्मोन का स्तर दोगुना हो जाता है।

  • Cortisal
  • Pralatin
  • Thyraxin
  • Oeslrogen
  • Progusrogen

इन हार्मोंन की वजह से भ्रूण में वृधि अच्छी होती है माँ का उपचायिक ठीक रहता है तथा प्रेग्नेंसी भी बनी रहती है।

जन्तु गर्भकाल
मानव (मादा) 9 महीने (280+10 दिन)
कुत्ता(मादा) 58 से 65 दिन
बिल्ली(मादा) 9 से 10 सप्ताह
हथी(मादा) 18 से 22 महिना

 

भ्रूणीय विकसित (Embryorin Development)

Emplantacent के बाद भ्रूणीय विकास तेजी से होने लगता है। सबसे पहले भ्रूण जनन परत बनती है इसके दोनों जनन परतो परतो के बीच में तीसरी परत बनती है। इन तीनो परतो से शारीर के सभी अंग बन जाते हैं।

भ्रूणीय विकसित Embryorin Development

प्रसव (Parturition)

मानव प्रेग्नेंसी का औसत कल 9 माहिना होता है जिससे गर्भकल(Gestetion)  कहते हैं। प्रेग्नेंसी के अंत में गर्भशाय के तेज संकुचन के करण गर्भशाय शिशु बहार निकला आता है। क्रिया को प्रसव या Parturetion कहते हैं। प्रसव एक जटिल नियोरी इन्डो किलीन मैग्निज्म है। ऑक्सीटोसीन नमक हार्मोन के वजह से गर्भशय तेजी से संचुकित होता है तथा गर्भाशय शिशु बाहर आता है।

दुग्ध स्त्रावण (Lactation)

प्रेग्नेंसी के दौरन स्तान ग्रंथियों में विभेदन तथा परिवर्तन होता है। तथा गर्भावस्था के अंत में प्रसव के दौरन मिल्क निकलने लगता है। तव इस क्रिया को ही Lactation कहते हैं। माँ के मिल्क में नए जनन हुए बच्चों के लिए अत्यधिक पुषकर्ता प्रदान करता है। कुछ दिनों तक माँ के स्तनपान की सलाह की सलह डॉक्टर बच्चों के लिए बताता है। क्योंकी माँ का प्रथम मिल्क बच्चे के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है। शुरुआती मिल्क को खीस (Colastrum) कहते हैं। जिसका रंग हल्का पिला होता है इसमें I gA नामक एंटीबाडी पाई जाती है तथा यह एंटीबाडी ही नवजात शिशु को रोगों से बचने का काम करती है।

आवर्त चक्र (Menstrual Cycle)

स्त्रियों  में जनन कल 12 से 13 वर्ष की आयु में प्रारम्भ हो जाता है। और 45 से 50 वर्ष की आयु में समाप्त हो जाता है। अण्डे का निषेचन ना होने पर गर्भशाय की दीवार के Endomatrium के स्पजी  स्तर में विघटन शुरू हो जाती हैं। इसके साथ ही Endmatrirum की ग्रंथिया तथा रुधिर वाहिनिया भी विघटित हो जाती हैं। गर्भशाय का विघटित उत्तक व रुधिर रजोधर्म के रूप में प्रतिमाह बहार निकलते हैं तब इस चक्र को मानसिक चक्र कहते हैं।

रजोधर्म की मुख्य घटनाए (Main Events of Menstrual Cycle)

राजोधर्म में होने वाली मुख्य घाटनाएं प्रकार हैं।

1 से 4 दिन तक Menstruation bleeding होता है। जिसमे गन्धा रुधिर Vagina के द्वारा बहार निकलता है। 5 से 13 दिन तक अण्डाश्य में Follicle बनता है।

युग्मक जनन (Gametogenisis)

मानव के प्राथमिक जनन में युग्मको के बनने के क्रिया को युग्मक जनन या Gametogenisis कहते हैं। युग्मक जनन प्रमुख दो प्रकार के होते हैं।

  1. शुक्राणु जनन
  2. अण्डाणु जनन

युग्मक जनन Gametogenisis

शुक्राणु जनन

नर के testis की Semriferous नलिका में Male Germ Cell पाई जाती है। जिन्हें Spermatogenisis कहते हैं। ये spermatogonia समसूत्री विभाजन करके अपनी संख्या बड़ा लेती है तथा इसमें से कुछ spermatogonia आकार में वृधि कर लेते हैं। तथा Primmary Spermataocyte बनाती है। ये Spermataocyte Mosis Ith करके Secondry Spermotogia बनाती है तथा कोशिका (N) अवस्था में (Haploid) होती है। ये Secondry Spermotogia Mosis IIth पूरा करके Speratids बनाती है तथा Speratids भी एक गणित (Haploid) होते हैं। अर्थात(N) अवस्था में होता है ये Spermatids अपने आप को रूपान्तरित करके Spermatozoa बना होता है। इस क्रिया को ही शुक्राणु जनन Spermiogenisis कहते हैं।

अण्डाणु जनन

अण्डाशय की जनन कोशिकाओ में अर्द्सुत्री विभाजन के द्वारा अण्डाणु बनने की क्रिया को अण्डाणु जनन कहते हैं। यह क्रिया बहुत लम्बे समय तक चलती है। और मादा की भ्रूणीय अवस्था में शुरू होती है और 40 से  45 वर्ष की उम्र तक चलती है।

प्रोलीफरेसन प्रावस्था

यह अवस्था उसी जब मादा (foctus) अर्थात माँ के गर्भ में लगभग 7 माह की होती है। इस प्रावस्था में में अण्डाशय के जनन स्तर की कोशिकाए विभाजित होकर कोशिका का गुच्छा बनाती है। जिसे पुटिका कहते हैं। पुटिका की एक कोशिका आकार में बड़ी हो जाती है तथा इसे ऊगोनियम (oogonium) कहते हैं

परागण (Pollination) किसे कहते हैं?

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बताया निषेचन क्या है निषेचन किसे कहते हैं। युग्मक जनन आवर्त चक्र के बारे में बहुत महत्वपूर्ण जानकारी आपको इस आर्टिकल के माध्यम से दी आशा करता हूँ। अब आपको निषेचन के बारे में सारी जानकारी मिल गई होगी। अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। ताकि निषेचन से सम्बंधित जानकारी उन्हें भी प्राप्त हो सके। एक बार हमें कमेंट करके जरुर बताये आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा धन्यवाद।

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