डेंगू बुखार: बच्चों में डेंगू के लक्षण और उपचार – तुरंत देखें (Dengue Fever)

डेंगू के लक्षण
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हेल्लो दोस्तों कैसे हैं आप लोग आशा करता हूँ आप सभी बढ़िया होंगे। हमने पिछले आर्टिकल में हमने आपको किडनी ख़राब होने के लक्षण बताये और आज हम आपको बताएँगे। डेंगू के लक्षण के बारे में क्या आप भी जनना चाहते हैं। डेंगू के लक्षण तो आप बिल्कुल सही जगह आये क्योंकि आज हम आपको इस बच्चों में डेंगू के लक्षण डेंगू किसका कारण होता है। डेंगू में क्या खाना चाहिए डेंगू के बचाव के उपाय हम आपको बताने जा रहे हैं।  डॉक्टर का मनना है कि बच्चों में डेंगू हल्का या गंभीर दोनों तरह से हो सकता है। सबसे आम बीमारी डेंगू है और बहुत सारे लोगो की मौत का कारण है। डेंगू के लक्षण ना के बराबर दिखते है खासकर जब ये कम उम्र के बच्चो में इसके लक्षण और भी गंभीर होते हैं।

बच्चो की बीमारी को लेकर माता पिता चिंचित रहते हैं। शुरआती दिनों में बच्चो को कई तरह के रोग होने की संभावनाएं अधिक होती है। स्तनपान करने वाले बच्चो को माँ के दूध से कई रोगों का बचाव होता है। जबकि बड़े बच्चो को सही तरह से पके और पौष्टिक से बच्चो को बचाया जा सकता है। लेकिन रोग फैलने के कई कारण है। किटाणु ऐसे भी होते हैं जिनसे बच्चो को सुक्षित रखना थोडा मुस्किल होता है। घर में मौजूद मछर बच्चो  को बीमार करने का प्राथमिक कारण माना जाता है और इनके बजह से ही बच्चो में डेंगू होता है। इस रोग का सही समय पर इलाज नही हुआ तो ये रोग बच्चो के लिए घातक हो सकता है।

अगर आप जनना चाहते हैं डेंगू के लक्षण डेंगू के बचाव के उपाय डेंगू में क्या खाना चाहिए। ये सभी महत्वपूर्ण जानकारी जानने के लिए आपको हमारे द्वारा लिखे गए हमारे इस लेख को पूरा जरुर पड़ें।

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बच्चों में डेंगू के लक्षण

डेंगू को Break Bone Fever कहा जाता है। क्योंकि इस रोग में मरीज को हडियो के टूटने जैसा अनुभव होता है। डेंगू के वायरस से होने वाले संक्रमित होने के बाद व्यक्ति या बच्चे को 4 से 6 दिन में बुखार आना शुरू हो जाता है। जो करीब 10 दिनों तक रहता है। डेंगू होने पर बच्चो में और भी लक्षण दिखाई देते हैं

  • बच्चो को अचानक तेजी से बुखार आ जाता है
  • आँखों में तेजी से दर्द होने लगता है।
  • अक्सर सिर दर्द होने लगता है जोकि गंभीर होता है और बच्चो को कमजोर कर देता है।
  • बच्चे को लगातार जी मचालाने जैसा महसूस होता है बेचनी की बजह से सिर चकराने लगता है।
  • बच्चे उल्टी होना कई बार इस पर नियंत्रित करना मुस्किल होता है।
  • शारीर में तेज दर्द होना जोकि शारीर में और मांसपेशियों और जोड़ों में महसूस होता है।
  • बुखार के बाद बच्चे के शारीर में कई रेस्ज रह जाते हैं। नाक से खून वहना और इस समय में बच्चो के मसूड़ों  से भी खून वहने लगता है।
  • कई बच्चो में डेंगू के लक्षण प्रमुखता से दिखाई नहीं देते हैं और इसको अन्य वायरस इन्फेक्शन समझ लिया जाता है। और कुछ दुर्लभ मामलो में डेंगू गंभीर स्थति में पहुच जाता है और इसको डेंगू हेम्रेजी फिवर और डेंगू सुक सिंड्रोम भी कहते हैं।
  • यह एक घातक स्थति होती है हेम्रेजी फीवर के दौरान बच्चो में डेंगू के लक्षण दो से सात दिनों तक रहते हैं और बुखार ठीक होने के अन्य लक्ष्ण गंभीर होने लगते हैं।

डेंगू किसके कारण होता है?

डेंगू का वायरस एडीस प्रजाति के मछर से फैलता है। इस मच्छार को मादा टाइगर भी कहा जाता है। जब वायरस व्यक्ति के शारीर में पहुचता है या सम्तोपर्क में आता है तो यह सक्रीय होकर डेंगू का कारण बनता है। यह मच्छार नमी और गर्म वातावरण में पनपते हैं। यही कारण है कि जब मानसून के मौसम में जगह जगह पानी भार जाता है तो ये मच्छार तेजी से बढ़ते हैं इसी समय डेंगू मामलो में भी इजाफा होता है। व्यक्ति के संक्रमित होने के बाद डेंगू का वायरस दो से सात दिनों तक खून में फैलता है। और डेंगू से संक्रमित व्यक्ति को मादा मच्छार काट ले तो वह भी मच्छार भी संक्रमित हो जाता है और वो दुसरो व्यक्ति को काट कर संक्रमित कर देता है। इस प्रजाति का मच्छार सामन्यता दिन या शाम के समय सक्रीय होकर व्यक्तियों को काटते हैं।

डेंगू किसके कारण होता है

डेंगू से बचाव के उपाय

  • डेंगू के मच्छार ठहरे हुए पानी में पनपते हैं और ऐसे में आपको ध्यान रखना चाहिए कि घर के आस पास ऐसी कोई जगह न हो जहाँ पर  पानी जमा होता है। साथ ही छात पर पानी भरने वाली टंकी को भी ढाक कर या फिर बंद करके ही रखें।
  • यदि आप अपने घर के खिडकीयों को खोला कर रखते हैं तो आप मच्छर दानी कि तरह पतला नेट या जली वाला गेट लगायें।
  • आपके घर तक मच्छर ना आने दे बच्चो से मच्छारो को मरने वाली दवाई का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन दवाओ का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलह अवश्य लें।
  • बच्चो को गन्दीकी वाली जगहों पर न खेलने दे। क्योंकि ऐसी जगहों पर डेंगू फ़ैलाने वाले मच्छर ज्यादा होते हैं। अगर आपका बच्चा ऐसी जगह खेल कर आ रहा है तो उसके अच्छे से हाथ पैर धुलायें।
  • बच्चो को शारीर को पूरा ढकने वाले कपडे पहनाये और सोते समय मच्छर दानी का इस्तेमाल जरुर करें।

बच्चो का डेंगू से इलाज

डेंगू के डॉक्टर बच्चे के खून में मौजूद डेंगू के वायरस की जाँच पुष्टि करने के बाद ही इलाज करना शुरू करते है। वही कई विशेषज्ञ बुखार से ही इस रोग की पहचन कर लेते हैं। यदि आपका बच्चा उल्टी कर रहा हो तो ऐसे में शारीर का स्तर सामन्य रखना जरुरी होता है। जिसके लिए आप सतापन बाहरी डिब्बे बच्चे को अधिक मात्रा में दें। अगर आपका बच्चा बड़ा है तो उसके आहार में तरल खाध पदार्थो को शमिल करें।

डेंगू में क्या खाना चाहिए

दोस्तों बुखार में सही आहार लेना बहुत जरुरी होता है। क्योंकि इसमें हमारा शारीर बहुत कमजोर हो जाता है। इस समय हमें सही आहार और खान पान करना चाहिए। डेंगू बुखार में पिलेटे कम हो जाती है और ऐसे में Platelates को बढ़ाना बहुत जरुरी होता है।

डेंगू में क्या खाना चाहिए

  • डेंगू बुखार में आपको पपीते की कली का रस पीना चाहिए।
  • डेंगू में नारियल पानी भी बहुत फायदेमंद होता है। नारियल पानी में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं।
  • अनार भी आपको डेंगू के बुखार में बहुत फायदेमंद होता है। इसमें भी कई तरह के पोषक मौजूद होते हैं जैसे फइवर, विटामिन C, विटामिन K इत्यादी।
  • डेंगू के बुखार में कीबी फल बहुत फायदेमंद होता है।

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निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको डेंगू के लक्षण के बारे में बताया डेंगू किसका कारण होता है। डेंगू में क्या खाना चाहिए डेंगू बुखार के बारे में हमने आपको सारी महत्वपूर्ण जानकारी आपको इस आर्टिकल के माध्यम से आपको दी आशा करता हूँ। आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया होगा अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया है तो इसे अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। ताकि डेंगू के लक्षणों के बारे में आपके दोस्तों को भी जानकारी प्राप्त हो सके। एक बार हमें कमेंट करके जरुर बताएं आपको यह आर्टिकल कैसा लगा धन्यवाद।

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