कोशिका किसे कहते हैं और कितने प्रकार के होते हैं?
कोशिका किसे कहते हैं?
हेल्लो दोस्तों स्वगात है आपका हमारी हिंदी बायोलॉजी की वेवसाइट पर। आज के इस आर्टिकल में हम आपको कोशिका किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार की होती है। यूकैरियोटिक कोशिका किसे कहते हैं? प्रोकैरियोटिक कोशिका किसे कहते हैं? जन्तु कोशिका किसे कहते हैं? इसकी खोज किसने की तथा कोशिका के कार्य क्या क्या होते हैं? इसे विस्तार के साथ बताएगे और इसके साथ साथ हम आपको कोशिका से जुड़ी और भी महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं। कोशिका किसे कहते हैं यह एक बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसे साइंस के सभी स्टूडेंट को जानना आवश्यक होता है।
पिछले आर्टिकल में हमने जीव विज्ञान क्या है? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया। आज के इस आर्टिकल में हम आपको कोशिका के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बारे में जानकारी देने वाले हैं जिसमे आप कोशिका से सम्बंधित जानकारी प्राप्त करेंगे। परीक्षाओं में कोशिका से सम्बंधित प्रश्न पूँछ लिए जाते हैं। कोशिका से सम्बंधित प्रश्न लगभग सभी कक्षा में साइंस के सब्जेक्ट में आते हैं जिसके बारे में जानना साइंस के सभी स्टूडेंट के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। कोशिका से जुड़ी और भी बहुत सी जानकारी हम आज के इस आर्टिकल में देने वाले हैं। कोशिका से जुड़ी जानकारी पाने के लिए हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
Contents
कोशिका क्या है?
कोशिका जीवों की संरचनात्मक और क्रियात्मक इकाई होती है।सभी जीवधारियों का शरीर छोटे छोटे कोष्ठों से मिलकर बना होता है। इन्ही कोष्ठों को कोशिका (Cell) कहते हैं। कोशिका या Cell शब्द की उत्त्पत्ति लेतीं भाषा के Cellula शब्द से हुई है। जिसका हिंदी में अर्थ होता है एक कोष्ठक या या एक कोठरी। सभी जीवो का शरीर कोशिका या कोशिका समूह से मिलकर बना होता है। कोशिका के बिना किसी भी जीव का अस्तित्व नहीं हो सकता है। जिस प्रकार कोई कमरा छोटी छोटी ईंटों से मिलकर बना होता है उसी प्रकार सभी जीवधारियों का शरीर भी एक या कई प्रकार की संरचनात्मत और क्रियात्मक इकाइयों से मिलकर बना होता है। जिसे कोशिका कहते हैं।
कोशिकाएं आकृति, आकार तथा कार्य के हिसाब से अलग अलग होती हैं। केन्द्रक के आधार पर व अन्य अंगको के आधार पर कोशिका को प्रोकैरियोटिक तथा यूकैरियोटिक नाम से जाना जाता है। पादप कोशिकाओं में कोशिका झिल्ली के बाहर कोशिका भित्ति पाई जाती है।सभी कोशीय अंगक भिन्न भिन्न कार्य करते हैं। पादप कोशिकाओं में हरित लवक पाया जाता है। जो प्रकाश को संचित करने का कार्य करता है। जंतु कोशिकाओं में तारक केंद्र कोशिका विभाजन के दौरान तर्क उपकरण बनाते हैं। केन्द्ररक के अन्दर क्रोमेटिन नामक पदार्थ पाया जाता है जो आनुवंशिक कार्यो में मदद करता है।
कोशिका की खोज
कोशिका की खोज 1665 में राबर्ट हुक (Robert Hook) ने कॉर्क (कॉर्क) के एक टुकड़े से सूक्ष्मदशी द्वारा अध्यन करते हुए की थी। सूक्ष्मदर्शी से देखने पर इन्हें मधुमक्खी के सामान कोष्ठक दिखाई दिए जिन्हें इन्होने कोशिका नाम दिया राबर्ट हुक ने वास्तव में कॉर्क की मृत कोशिका का अध्यन किया था। ये चारो ओर से मोती दीवारों से घिरे हुए मोटे छिद्र थे। राबर्ट हुक की खोज के नौ साल बाद 1674 में वैज्ञानिक एंटोनी वॉन ल्युवेनहॉक (Leeuwenhoek) एककोशकीय पादपो, जंतुओं, जीवाणुओं, डायटम, रूधिर कोशिकाओं तथा शुक्राणुओं का सूक्ष्मदर्शी के द्वारा अध्यन किया। ल्युवेनहॉक (Leeuwenhoek) ने उन्नत प्रकार की सूक्षमदर्शी द्वारा पहली बार वाक्टेरिया के रूप में मुक्त कोशिकाओं की खोज की।
कोशिका के प्रकार (कोशिका किसे कहते हैं?)
कोशिकाएं आकर, आकृति तथा कार्यो के आधार पर अलग अलग प्रकार की होती हैं। जैसे – सबसे बड़ी कोशिका शुतुरमुर्ग के अंडे की कोशिका होती है। सबसे छोटी कोशिका माइकोप्लाज्मा होती है जिसका आकार 0.3 माइक्रोमीटर होता है। जीवाणु कोशिका का आकर 3 – 5 माइक्रोमीटर होता है। कोशिकाओं को उनके विकास तथा केन्द्रक के आधार पर दो भागो में बता गया है।
- प्रोकैरियोटिक कोशिकाएं
- यूकैरियोटिक कोशिकाएं
1. प्रोकैरियोटिक कोशिकाएं (Prokaryotic Cells)
प्रोकैरियोटिक दो शब्दों से मिलकर बना है Pro का अर्थ होता है Primitive (प्रारंभिक) और karyon का अर्थ होता है Nucleus (केन्द्रक)। इसमें केन्द्रक अविकसित होता है।इसमें केन्द्रक झिल्लो नहीं पाई जाती है। इस प्रकार की कोशिकाओं को प्रोकैरियोटिक कोशिकाएं कहा जाता है। प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में नील हरित शैवाल, जीवाणु और माईकोप्लाज्मा आदि कोशिकाएं आती हैं। सभी प्रोकैरियोटिक कोशिकाओं में कोशिका भित्ति पाई जाती है। जो कोशिका झिल्ली से घिरी होती है।
2. यूकैरियोटिक कोशिकाएं (Eukaryotic cells)
यूकैरियोटिक दो सब्दो से मिलकर बना है Eu का अर्थ होता है well और karyon का अर्थ होता है Nucleus (केन्द्रक)। इसमें केन्द्रक सुविकसित होता है। इसमें केन्द्रक झिल्ली पाई जाती है इसके अतिरिक्त यूकैरियोटिक कोशिकाओं में विभिन्न प्रकार के जटिल गतिकीय और कोशिकीय संरचनाएं मिलती हैं। इसमें आनुवंशिक पदार्थ क्रोमोसोम के रूप में व्यवस्थित रहता है। यूकैरियोटिक कोशिकाओं में सभी जंतु व पेड़ पौधे आते हैं।
कोशिका के कार्य और संरचना (कोशिका किसे कहते हैं?)
कोशिका में बहुत से कोशिकांग पाए जाते हैं जो निम्नलिखित हैं।
कोशिका झिल्ली – कोशिका के चारो और पाई जाने वाली पतली पारदर्शक झिल्ली होती है जिसे कोशिका झिल्ली कहते हैं। यह झिल्ली प्रोटीन व लिपिड की बनी होती है।
कार्य
- कोशिकाओं निश्चित आकार व आकृति प्रदान करती है।
- कोशिकांगो की सुरक्षा करती है।
कोशिका भित्ति – पादप कोशिकाओं में कोशिका झिल्ली के ऊपर पाए जाने वाले आवरण को कोशिका भित्ति कहते हैं।
कार्य
- कोशिका को यांत्रिक शक्ति प्रदान करती है।
- कोशिकाओं निश्चित आकार व आकृति प्रदान करती है।
केन्द्रक – कोशिका के अन्दर गोल, चपटी या अंडाकार संरचना पाई जाती है जिसे केन्द्रक कहते हैं यह केन्द्रक कोशिकाओं में होने वाली समस्त जैविक क्रियाओं को नियंत्रित करता है। केन्द्रक की खोज 1865 में राबर्ट व्राउन ने की थी। केन्द्रक के अन्दर पाए जाने वाले द्रव को केन्द्रक द्रव कहते हैं।
कार्य
- केन्द्रक को कोशिका का नियंत्रण केंद्र कहा जाता है।
- केन्द्रक के द्वारा राइबोसोम का निर्माण होता है।
कोशिका द्रव (Cytoplasm या Protoplasm) – कोशिका के अन्दर पाए जाने वाले द्रव को कोशिका द्रव कहते हैं।
माइटोकॉन्ड्रिया – माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का ऊर्जा घर (power house) का जाता है। इसमें ऑक्सिजन के रूप में निकलने वाली ऊर्जा ATP के रूप मर संचित रहती है।
कार्य
- इसमें ऊर्जा ATP के रूप मर संचित रहती है।
गॉल्जीकाय – गॉल्जीकाय की खोज कैमिलोगॉल्जी नामक वैज्ञानिक ने की थी गॉल्जीकाय का निर्माण चपटी थैलेनुमा रचनाओं से होता है जो एक के ऊपर एक चट्टे के रूप में व्यवस्थित होती हैं
कार्य
- गॉल्जीकाय का मुख्य कार्य स्त्रावण है।
- लाइसोसोम का निर्माण करना ।
हरित लावक – यह पौधो में पाया जाने वाला पदार्थ होता है हरे पौधे इसी की सहायता से भोजन बनाते हैं। हरित लवक में क्लोरोफिल पाया जाता है जिसके कारण पेड़ की पत्ती का रंग हरा यानिकी ग्रीन होता है।
कार्य
- पौधे हरित लवक की सहायता से प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा भोजन बनाते हैं।
- पौधो की पत्तियों का रंग हरा क्लोरोफिल के कारण होता है।
लाइसोसोम – ये एकल झिल्ली की बनी अंडाकार या गोलाकार रचनाएँ होती हैं। जिसमे पाचन एन्जाएम भरे रहते हैं। लाइसोसोम की खोज डी दुवे नामक वैज्ञानिक ने की थी।
राइबोसोम – राइबोसोम झिल्ली गोलाकार होते हैं यह प्रोटीन तथा आर एन ए से निर्मित सूक्ष्म कोशकीय होते हैं। जो यूकरियोटिक कोशिकाओं में खुरदरी अन्तः प्रद्रव्यी जालिका पर पाए जाते हैं। इसके द्वारा प्रोटीन का निर्माण होता है इसलिए इसे प्रोटीन की फैक्ट्री भी कहा जाता है।
कार्य
- इसका कार्य प्रोटीन का संश्लेषण करना होता है।
- इसके द्वारा प्रोटीन का निर्माण होता है।
निष्कर्ष (कोशिका किसे कहते हैं?)
आज के इस आर्टिकल में हमने आपको कोशिका किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार की होती है। यूकैरियोटिक कोशिका किसे कहते हैं? प्रोकैरियोटिक कोशिका किसे कहते हैं? इसकी खोज किसने की तथा कोशिका के कार्य क्या क्या होते हैं? इसे विस्तार के साथ बताया है। और इसके साथ साथ हम आपको कोशिका से जुड़ी और भी महत्वपूर्ण जानकारी इस आर्टिकल में दी है। कोशिका किसे कहते हैं यह एक बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसे साइंस के सभी स्टूडेंट को जानना आवश्यक होता है। इसी तरह की महत्वपूर्ण जानकारी हम अपनी वेवसाइट पर देते रहते हैं। इसी प्रकार की और भी जानकारी पाने के लिए जुड़े रहिए हमारी हिंदी बायोलॉजी की वेवसाइट के साथ तब तक के लिए धन्यवाद।