पादप कोशिका और जंतु कोशिका में क्या अंतर है लिखिए

पादप कोशिका
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पादप कोशिका (Plant Cell)

हेल्लो दोस्तों स्वागत है आपका हमारी हिंदी बायोलॉजी की वेबसाइट पर। आज के इस आर्टिकल में हम आपको पादप कोशिका किसे कहते हैं? पादप कोशिका के लक्षण कौन कौन से होते हैं? पादप कोशिका के अंग कौन कौन से होते हैं? पादप कोशिका और जंतु कोशिका में अंतर क्या होता है? पादप कोशिका के कार्य कौन कौन से होते हैं? इसकी की खोज किसने की इसके बारे में बताएँगे। इसके साथ साथ हम आपको जंतु कोशिका किसे कहते हैं। इसके बारे में विस्तार के साथ बताएँगे। पादप कोशिका और जंतु कोशिका एक बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक है। जिसके बारे में बायोलॉजी के सभी स्टूडेंट को पता होना चाहिए।

पिछले आर्टिकल में हमने आपको आसान तरीके से पढ़ाई कैसे करें? इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है। जिसके बारे में आप हमारी इस हिंदी बायोलॉजी की वेबसाइट पर पढ़ सकते हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको पादप कोशिका के बारे में विस्तार के साथ बताएँगे जो एक बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक है। ये टॉपिक बायोलॉजी के किसी भी कक्षा के स्टूडेंट को पता होना चाहिए। इस टॉपिक से सम्बंधित प्रश्न परीक्षाओं में पूछ लिए जाते हैं। इसलिए इस टॉपिक को ध्यान से पढ़ें और अंत तक जरूर पढ़े ताकि यह टॉपिक आपको अच्छी तरह से समझ आ जाए।

शैवाल किसे कहते हैं?

पादप कोशिका किसे कहते हैं?

आप सभी ने कोशिका के बारे में तो पढ़ा ही होगा अगर नहीं पढ़ा है तो आप हमारी हिंदी बायोलॉजी की इस वेबसाइट पर पढ़ सकते हैं। कोशिका शरीर की सबसे छोटी क्रियात्मक तथा संरचनात्मक इकाई होती है। इसकी खोज राबर्ट हुक ने की थी। ये दो प्रकार की होती है जंतु कोशिका और पादप कोशिका। आज के इस आर्टिकल में हम आपको इन दोनो कोशिका के बारे में बताएँगे। तो बिना किसी देरी के अब जानते हैं पादप कोशिका किसे कहते हैं।

पेड़ पौधो में पाई जाने वाली कोशिका को पादप कोशिका कहा जाता है। यह कोशिका जंतु कोशिका से भिन्न होती है। अगर हम इसकी भिन्नता की बात करें तो जंतु कोशिका के बाहरी आवरण अर्थात बाहरी भाग को प्लाज्मा झिल्ली कहते हैं। जबकि पादप कोशिका के बाहरी आवरण को कोशिका भित्ति (Cell Wall) कहा जाता है। यह कोशिका भित्ति सेलुलोस की बनी होती है।

पादप कोशिका के कार्य (Function of Plant Cell)

पादप कोशिका के कार्य निम्नलिखित होते हैं।

  • इस कोशिका के द्वारा प्रकाश संश्लेषण की क्रिया होती है।
  • प्रकाश संश्लेषण के क्रिया पादप कोशिका के क्लोरोप्लास्ट में होती है।
  • ये सूर्य के प्रकाश में कार्बनडाई ऑक्साइड और पानी(water) का उपयोग करके पौधो द्वारा भोजन तैयार करने की क्रिया है।
  • इस प्रक्रिया में ऊर्जा का उत्पादन एटीपी के रूप में किया जाता है।
  • पादप कोशिकाओं में जाइलम और फ्लोएम पाए जाते हैं जो पानी व पोषक तत्वो को जड़ो से पत्तियों और पादप शरीर के विभिन्न अंगो तक पहुचाते हैं।

पादप कोशिका के कार्य

पादप कोशिका के अंग (पादप कोशिका किसे कहते हैं?)

पादप कोशिका की संरचना को निम्न प्रकार व्यक्त किया जा सकता है।

कोशिका भित्ति

यह कोशिका झिल्ली के ऊपर पाई जाने वाली परत होती है यह एक कठोर परत होती है जो सेल्युलोज, लिग्निन, पेक्टिन, ग्लाइकोप्रोटीन की बनी होती है। यह कोशिका झिल्ली के बाहर स्थित होती है। यह पौधो की कोशिकाओं, कवक और बक्टेरिया, शैवाल में कोशिका झिल्ली के बाहर पाई जाती है।

कोशिका झिल्ली

कोशिका झिल्ली एक प्रकार की रचनात्मक अर्द्ध पारगम्य झिल्ली है जो प्रत्येक कोशिका के जीवद्रव्य को घेर कर रखती है। कोशिका झिल्ली तीन परतों से मिलकर बनी होती है। इसमें बाहरी एवं भीतरी परतें प्रोटीन की बनी होती है और मध्य परत फोस्फोलिपिड की बनी होती है।

केन्द्रक

केन्द्रक की खोज सर्वप्रथम राबर्ट ब्राउन ने 1831 में की थी। यह एक झिल्ली से घिरी हुई संरचना होती है जो केवल यूकरियोटिक कोशिकाओं में पाई जाती है। इसमें डीएनए पाया जाता है। केन्द्रक कोशिका का मुख्य अंग होता है। यह कोशिका की सभी जैव क्रियाओं को नियंत्रित करता है।

कोशिका द्रव्य

कोशिका में कोशिका झिल्ली के अन्दर केन्द्रक के अलावा सभी पदार्थों को कोशिका द्रव्य कहते हैं। यह सभी कोशिकाओं में पाया जाता है व कोशिका झिल्ली के अन्दर तथा केन्द्रक के बाहर रहता है। यह जालीनुमा तरल पदार्थ होता है यह पारदर्शी एवं चिपचिपा होता है। यह कोशिका के 70% भाग की रचना करता है।

लवक

यह कोशिका के कोशिका द्रव्य में पाया जाने वाला पदार्थ होता है जो गोल या अंडाकार होता है। लवक तीन प्रकार के होते हैं हरे रंग को छोड़कर अन्य रंगों वाले लावको को क्रोमोप्लास्ट इनमे फूलो और फलो का रंग प्राप्त होता है। रंगहीन लवको को लिउकोप्लास्ट कहते हैं। इनमे सबसे महत्वपूर्ण लवक क्लोरोप्लास्ट होता है जिसके द्वारा प्रकाश संश्लेषण होता है।

रिक्तिकाये

यह कोशिका के कोशिका द्रव्य में गोलाकार अनियमित आकार की इकाई झिल्ली से घिरी रिक्तिकाये हैं। ये प्राणी कोशिका में उपस्थित नहीं मानी जाती हैं पादप कोशिकाओं में रिक्तिकाये सुविकसित प्रकार की होती हैं। नई कोशिका में ये रिक्तिकाये छोटी व बिखरी हुई होती हैं।

गॉल्जिकाय

इसकी खोज कैमिलो गॉल्जी नामक वैज्ञानिक ने की थी गॉल्जिकाय केन्द्रक के पास उपस्थित रहती हैं। पादप कोशिकाओं में गॉल्जिकाय छोटे छोटे समूहों में होते हैं जिन्हें डिक्टोसोम कहा जाता है। इसका कार्य एण्डोप्लाज्मिक रेटिकुलम में बने प्रोटीन व एन्जाएम का सांद्रण, रूपांतरण करना होंता है।

अन्तः प्रद्रव्यी जालिका

यूकैरियोटिक कोशिका के कोशिका द्रव्य में थैली युक्त छोटी नालिकावत जालिका तंत्र में बिखरा एवं आपस में जुड़ा व चिपका रहता है। इसे अन्तः प्रद्रव्यी जालिका कहते हैं। यह कोशिका द्रव्य और केन्द्रक द्रव्य के बीच सम्बन्ध स्थापित करता है।

राइबोसोम

कोशिका के अन्दर मेम्ब्रेन रहित गोलाकार या डमरू के आकर की सबसे छोटी तथा कोशिका द्रव्य में सबसे ज्यादा संख्या में पाई जाने वाली जीवित रचना को राइबोसोम कहते हैं। राइबोसोम की खोज पैलाडे नामक वैज्ञानिक ने की थी। उन्होंने इसे राइबोसोम नाम दिया।

लाइसोसोम

यह माइटोकॉन्ड्रिया और मिक्रोसोम के बीच स्थित झिल्लीदार कण होते हैं। जिनमे पाचन एंजाइमो की एक विस्तृत श्रंखला होती है लाइसोसोम फोस्फोलिपिड से बनी झिल्ली से घिरे होते हैं जो झिल्ली के बाहरी वातावरण से लिसोसोम के इंटीरियर को प्रथक करते हैं।

माइटोकॉन्ड्रिया

नील हरित शैवाल एवं जीवाणु कोशिका को छोड़कर अन्य सभी जीवो की कोशिका के कोशिका द्रव्य में अनियमित रूप से विखरे हुए दोहरी झिल्ली आबंध कोशिकांगो को माइटोकॉन्ड्रिया या सूत्रकणिका कहते हैं। माइटोकॉन्ड्रिया को कोशिका का ऊजा घर भी कहते हैं।

जंतु कोशिका किसे हैं?

जंतुओं में पायी जाने वाली कोशिकाओं को जंतु कोशिका कहते हैं। यह कोशिका जंतु कोशिका से भिन्न होती है अगर हम इसकी भिन्नता की बात करें तो जंतु कोशिका के बाहरी आवरण अर्थात बाहरी भाग को प्लाज्मा झिल्ली कहते हैं। इसमें कोशिका भित्ति नहीं पाई जाती है।

जंतु कोशिका किसे हैं

पादप कोशिका और जंतु कोशिका में अंतर

पादप कोशिका

  • इसकी कोशिका में कोशिका भित्ति पाई जाती है।
  • इसकी कोशिका में हरित लवक उपस्थित होता है।
  • इसकी कोशिका में रिक्तिका उपस्थित होती है।
  • इसकी कोशिका में केन्द्रक परिधि की ओर होता है।
  • इसकी कोशिका में सेंट्रोसोम अनुपस्थित होता है।

जंतु कोशिका

  • इसकी कोशिका में कोशिका भित्ति नहीं पाई जाती है।
  • इसकी कोशिका में हरित लवक अनुपस्थित होता है।
  • इसकी कोशिका में रिक्तिका अनुपस्थित होती है।
  • इसकी कोशिका में केन्द्रक अधिकंशता मध्य में होता है।
  • इसकी कोशिका में सेंट्रोसोम उपस्थित होता है।

विज्ञान किसे कहते हैं?

निष्कर्ष (पादप कोशिका किसे कहते हैं?)

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको पादप कोशिका किसे कहते हैं? पादप कोशिका के क्या क्या कार्य होते हैं? पादप कोशिका के अंग कौन कौन से होते हैं। इसके बारे में विस्तार के साथ बताया है और इसके साथ साथ हमने आपको जंतु कोशिका किसे कहते हैं। पादप कोशिका और जंतु कोशिका में क्या अंतर होता है? इसके बारे में बताया है। यह एक बहुत महत्वपूर्ण टॉपिक है जिसके बारे में बायोलॉजी के सभी स्टूडेंट को पता होना चाहिए। इसी तरह के महत्वपूर्ण टॉपिक की जानकारी पाने के लिए जुड़े रहिए हमारी हिंदी बायोलॉजी की वेबसाइट के साथ तब तक के लिए धन्यवाद।

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