कोशिका किसे कहते हैं? इसकी खोज, सिद्धांत, प्रकार एवं चित्र

कोशिका
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हेल्लो दोस्तों कैसे हैं आप लोग आशा करता हूँ आप सब बहुत बढ़िया होंगे। पिछले आर्टिकल में हमने आपको बताया दाद की दवा के बारे में बताया और आज हम आपको बताने जा रहे हैं। Cell किसे कहते हैं? प्रोकैरियोटिक Cell किसे कहते हैं। Cell कितने प्रकार के होते हैं। जंतु Cell किसे कहते हैं। इसके बारे में आज हम आपको बताएँगे।

आप लगभग सभी Cells के नाम तो सुने ही होंगे। अगर नहीं सुने हैं तो चलिए आज हम आपको आसान भाषा में समझाते हैं। मनुष्य और अन्य जीव जन्तुओ तथा पेड़ पौधों का निर्माण Cell से ही हुआ है। Cell के बिना किसी भी जीव का जीवन असंभव है अमीवा हो या कोई विशाल जानवर सभी जीव के अंदर Cell पाई जाती है। अगर आप Cell को जानना चाहते हैं तो इसके लिए आपको हमारे इस आर्टिकल को अंत तक ध्यानपूर्वक पढना होगा।

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कोशिका किसे कहते हैं?

हमारे शारीर की सबसे छोटी इकाई Cell है। Cell जीवो की सरचनात्मक इकाई है। प्रत्येक जीव जाती का शारीर एक या एक से अधिक Cell से मिलकर बना होता है। Cell जीवो की सरचनात्मक इकाई है। यह हमारे शारीर को आकार प्रदान करती है। और कोशिका जीवो की क्रियात्मक इकाई कोशिका शारीर के समस्त कार्य करती है। Cell का अंग्रेजी शब्द सेल है लैटिन भाषा शेलुला शब्द से लिया गया है। जिसका अर्थ एक छोटा कैमरा है। Cell की खोज सवर्प्रथम रावर्ट हुक ने 1665 ई० में की थी।

कोशिका की परिभाषा

जीवो की जैविक क्रियाओ की रचना करने वाली तथा संचालन करने मौलिक इकाई को हम Cell कहते हैं। कोशिका में स्वयजनन पाया जाता है। R virchow ने बताया की नयी Cell का निर्माण पुराणीCell के विभाजन द्वारा होता है। तंत्रिका कोशिका (Nerve Cell) मनुष्य की सबसे बड़ी कोशिका होती है। जबकि सबसे छोटी Cell माइकोप्लाज्मा (PPLO) है। सबसे भरी और सबसे बड़ी Cell शुतुरमुर्ग चिड़िया का अण्डा है। प्रोकैरियोटिक Cell तथा यूकैरियोटिक कोशिका की खोज Dougthety व Allen ने की थी।

उदहारण- डायनोफ्लैजिलेट।

कोशिका के प्रकार

कोशिका दो प्रकार की होती हैं।

  1. प्रोकैरियोटिक कोशिका
  2. यूकैरियोटिक कोशिका

 प्रोकैरियोटिक

प्रोकैरियोटिक Cell में केन्द्रक झिल्ली केन्द्रक अनुपस्थित होते हैं। प्रोकैरियोटिक Cell की Cell भित्ति पेप्टाइडोग्लायकेन या म्युरें की बनी होती है। प्रोकैरियोटिक Cell में 70 ‘s’ प्रकार के राइबोसोम पाए जाते हैं। कोशिका द्रव्य के सीधे संपर्क में DNA तथा RNA रहते हैं इनके गुणसूत्र में हिस्टोन का अभाव होता है।

उदहारण – जीवाणु (Bacteria) सैनोबैकटीरिया अकीबैक्टीरिया विषाणु (Virus) बैक्टीरियोफेज माईकोप्लाज्मा (PPLO)नील हरित शैवाल (Bleu green algae) रिकेट्र्सिया की Cell आदि।

यूकैरियोटिक कोशिका

यूकैरियोटिक कोशिका

यूकैरियोटिक Cell में Cell भित्ति (Cell Wall) सेल्युलोस तथा पेक्टोज की बनी होती है। यूकैरियोटिक Cell में कोशिका झिल्ली (Cell membrane) केन्द्रक तथा ये पूरी तरह से विकसित कोशिकांग उपस्थित होती हैं। यूकैरियोटिक कोशिका में 80 ‘s’ प्रकार के राइवोसोम पाए जाते हैं। इनमे DNA तथा RNA कोशिका द्रव्य के सीधे संपर्क में नहीं होते है। यूकैरियोटिक Cell में गुणसूत्र में हिस्टोन प्रोटीन पाई जाती है जो क्षारीय होती है।

उदहारण – सभी जन्तु Cell प्रोटोजोआ जीव जन्तु आदि।

प्रोकैरियोटिक Cell यूकैरियोटिक Cell में अंतर

प्रोकैरियोटिक कोशिका यूकैरियोटिक कोशिका
प्रोकैरियोटिक Cell भित्ति पतली होती है।  यूकैरियोटिक Cell में Cell भित्ति मोटी होती है।
प्रोकैरियोटिक Cell में अविकसित केन्द्रक होता है। यूकैरियोटिक Cell में विकसित केन्द्रक होता है।
प्रोकैरियोटिक Cell में केन्द्रक अनुपस्थित होता है। यूकैरियोटिक Cell में केन्द्रक कला उपस्थित होता है।
इसमें माइटोकॉन्ड्रिया गल्जीकाय अन्त प्रद्र्व्यी जालिका लवक एवं लैसोसोम अनुपस्थित होता है इसमें माइटोकॉन्ड्रिया गल्जीकाय अन्त प्रद्र्व्यी जालिका तथा लैसोसोम उपस्थित होता है।
इनके गुणसूत्र में केवल DNA से बनी एक लाचिली संरचना होती है जिसमे हिस्टों प्रोटीन नहीं पाया जाता है। इसके गुणसूत्र DNA तथा हिस्टों प्रोटीन से बनी मजबूत संरचना है।
इसमें राइबोसोम 70’s’ प्रकार होते हैं। इनमे राइबोसोम 80’s’ प्रकार के होते हैं
इनमे सूत्री विभाजन नहीं होता है। इसमें सूत्री विभाजन होता है।
इस Cell में लाल नीले हरे शैवाल विषाणु जीवाणु आदि  पाए जाते हैं ये Cell जन्तुओ तथा वनस्पति में पाई जाती है।

पादप कोशिका

वह Cell जो पेड़ पौधों में पाई जाती है। पादप Cell कहलाती है जो कि जन्तु Cell से भिन्न होती हैं। जन्तु कोशिका की भिन्नता की बात करें तो जन्तु कोशिका के बहारी आवरण अर्थात भाग को प्लाज्मा भी कहा जाता है। जबकि पादप Cell की बाहरी आवरण को प्लाज्मा झिली कहा जाता है जो कि सेलुलोस की बनी होती है।

जन्तु कोशिका

जो Cell मूल रूप से जन्तुओ में पाई जाती हैं उन्हें ही जन्तु Cell कहते हैं। एककोशिकीय प्रोटोजोअन यूग्लीना के अतरिक्त किसी भी जन्तु Cell में लवक नहीं पाए जाते हैं। भोज्य पदार्थ वॉल्यूटिन एंव ग्लाइकोजन के कणों में संचलित रहता है। जन्तु Cell प्राया में छोटी होती हैं। कोशिका विभाजन के टाइम खांच दो भागो में बटती हैं। जो बहार अंदर की ओर बढती है तारककाय व्ययापक रूप में पाया जाता है। ये बहुत छोटी छोटी होती हैं इसमें लवक तथा Cell layer, भित्ति नहीं पाई जाती।

कोशिका झिल्ली

कोशिका झिल्ली

सभी Cells के चारो और एक पतली परत पाई जाती है जिसे Cell झिल्ली या प्लाज्मा झिल्ली कहते हैं। जो वसा एवं प्रोटीन से बनी होती है। जिसे सी कैमरा एवं नेगेली (1855) ने Cell कला एवं प्लोव ने जीवद्रव्य कला कहा।

माइटोकॉन्ड्रिया

युकैरियोटिक Cell के कोशिका द्रव्य में अनेक छोटे गोलाकार कणीकामय एंव छड के आकार की रचनाए पाई जाती हैं। इन्हें ही माइटोकॉन्ड्रिया कहते हैं। माइटोकॉन्ड्रिया Cell के कोशिकीय द्रव्य की दुहरी झिल्ली से जुड़ा होता है। बाहरी झिल्ली में कई छेद्र होते है और ये मुलाम होती है और इसकी भीतरी झिल्ली में ऊँगली नुमा संरचना होती है और ये मुड़ी होई होती है।

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निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको Cell से सम्बंधित जानकारी जैसे Cell किसे कहते हैं। प्रोकैरियोटिक Cell किसे कहते हैं यकैरियोटिक कोशिका किसे कहते हैं। Cell कितने प्रकार के होते हैं जंतु कोशिका किसे कहते हैं। इस सब से सम्बंधित जानकारी आपको दी आशा करता हूँ। अब आपको Cell के बारे में सारी जानकारी इस आर्टिकल को पढ़कर मिल गई होगी। अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। ताकि Cell के बारे में सारी जानकारी उन्हें भी प्राप्त हो सके। एक बार हमें कमेंट करके जरुर बताएं। आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा धन्यवाद। दोस्तों हमारी इस हिंदी बायोलॉजी वेबसाइट को हमेशा विजिट करते रहें। यहाँ पर आपको पढाई से मिलते-जुलते लेख मिलते रहेंगे।

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