मानव स्वास्थ्य एंव रोग – Human Health And Disease (हिंदी)

मानव स्वास्थ्य एंव रोग
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मानव स्वास्थ्य एंव रोग (Human Health And Disease)

मानव स्वास्थ स्वास्थ्य एक ऐसी अवस्था है। जिसमे मनुष्य शारीरिक मानसिक तथा समाजिक दुष्टि कोण से पूरी तरह से फिट होना चाहिये। स्थास्थ को निम्न कारणों से प्रभाहित करते हैं।

  • अनुवंशिक रोग
  • किसी रोग जनक का सक्रमण
  • लाइफ स्टाइल (जीने का तरीका )

रोग (Disease)

जब शारीर के एक या एक से अधिक अंग अपना काम करना बंद कर देते हैं या फिर अपने कार्य करने की क्षमता सामन्य से कम कर कर देते हैं। तव कई लक्षण उत्पन्न होते हैं। तो फिर इस आवस्था को ही रोग कहते हैं।

रोग के प्रकार (Type of Disease)

रोगों को निम्न तौर पर दो समूहों में बाटा गया है।

सक्रमण रोग (infectious disease)

जो रोग एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में आसानी से संचारित हो सकें। उन्हें सक्रमण रोग कहते हैं। जैसे- covid-19 जुकाम टाइफइट चेचक रोग इत्यदि।

आसक्रमण रोग (Non Infectious disease)

वे रोग जो एक व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति में संचारित नहीं होते हैं उन्हें आसक्रमण रोग कहते हैं जैसे एलर्जी कैंसर चोट कोपोषण इत्यादि।

जन्मजात रोग (congenital disease)

वे रोग जो जन्म से ही बच्चे में उपस्थित होते हैं उन्हें जन्मजात रोग कहते हैं। ये अनुवंशिक रोग होते हैं जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जाते हैं। जैसे Down Sendrom तथा Hemufiliya इत्यादि।

उपार्जित रोग (Acquired disease)

वे रोग जो जन्म के पश्चात (बाद) होते हैं। उन्हें उपार्जित रोग कहते हैं। जैसे कैंसर तथा कोरोना रोग इत्यादि।

रोग जनक (Pathogen)

वे जीव जो रोग उत्पन्न करते हैं। उन्हें रोग जनक कहते हैं जैसे बिकटयरिया वायरस फैन्जाय प्रोटोजोआ इत्यादि।

रोग वाहक (Vector)

वे जीव जो रोग जनक को एक स्थान से दुसरे स्थान तक ले जाते हैं। उन्हें ही रोग वाहक कहते हैं जैसे मछर मक्खी इत्यादि।

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प्रतिरक्षा (Immunity)

हमारे शारीर में बीमारी करने वाले कारको से लड़ने की क्षामता को प्रतिरक्षा कहते immunity कहते हैं। प्रतीरक्षा में भाग लेने वाले अंगो से वने तन्त्र को प्रतिरक्षा तंत्र (Immunity System) कहते हैं।

प्रतिरक्षा

प्रतिरक्षा के प्रकार (Type of Immunity)

प्रतिरक्षा के दो प्रकार होते हैं।

जन्मजात रोग (Innate immunity)

  1. यह एक Difence (अविशिष्ट सुरक्षा) है जो जन्म के समय शारीर में उपस्थित होती है। अर्थात प्रतिरक्षा बच्चों में माँ से होती है
  2. यह प्रतिरक्षा हमारे शारीर में वाह्य कारको के प्रवेश को रुकने के लिए कई अवरोध प्रदान करती है।
  3. जन्मजात प्रतिरक्षा को मुख्य रूप से चार भागो में बाटा गया है।
  • Phisical
  • Physical Barrirs
  • Celluler Barrrirs
  • Cytokine Bariers

उपार्जित प्रतिरक्षा (Acauired Immunity)

ये रोग जनक के प्रति विशिष्ट Pathogen Spcific है ये स्मृति (Memory) पर आधारित होती है। उपार्जित प्रतिरक्षा को निम्न प्रकार से समझ सकते हैं।

जब कोई पेथोजन पहली बार हमारे शरीरपर इन्फेक्शन करता है। तव शारीर के अन्दर Low Intenstiy (निम्न तीव्रता) का Response आता है। जिसे Primary Response कहते हैं। जब वाही पैथोजन दुवारा से हमारे शारीर में इन्फेक्शन करता है। तव High Intestiy का रिस्पोंस आता है जिसे Secondary Response  कहते हैं।

प्रतिरक्षणु (Antibody)

प्रतिरक्षणु एक प्रकाश की प्रोटीनहोती है जो रोगणुओ से लड़ने की क्षमता रखती है तथा इनका निर्माण B-Cell के द्वारा होता है।

प्रतिरक्षणु के प्रकार (Type ऑफ़ Anitibody)

प्रतीक्षाणु निम्न 5 प्रकार की होती हैं। Anitibody को ही Immenoglben (Ig) भी कहते हैं।

प्रतिरक्षणु गुण
IgM 5 से 10% सबसे बड़े आकार की ये पैथोजन के प्रति सबसे पहले तैयार होती है।
IgG सबसे अधिक मात्रा में (70 से 80% ये Placenta को पार करके बच्चो/भूणमें जाती है।
IgA ये 10%होती है ये लार आंसू माँ के मिल्क में पाई जाती है
IgE सबसे कम संख्या में (0.05%) होती है ये एलर्जी के समय उत्पन्न होती है। ये Mast Cell तथा Basophil से सहलग्न होती है।
IgD ये blood के B-Ling Phosited की सतह पर होती है।

सक्रीय प्रतिरक्षा तथा निष्क्रय प्रतिरक्षा में अंतर

सक्रिय प्रतिरक्षा   निष्क्रय प्रतिरक्षा 
इसमें शारीर की अपनी कोशिकाएं संक्रमण के प्रति Antibody विकसित करती हैं। इसमें सक्रमण होने पर बहार से बनी antibody शारीर में प्रवेश कराई जाती हैं।
इसमें Antibody बनने में समय लगता है इसलिए लाभ देर से होता है। इसमें लाभ तुरंत होता है।
ये हानिकारक नहीं होती हैं। ये हानिकारक हो सकती हैं।
ये प्रतिरोधक क्षमता अधिक समय तक रहती है।                उदा० शारीर से बनी Antibody जैसे टीकाकरण ये प्रतिरोधक क्षमता शारीर में शीर्घ ही समाप्त हो जाती है।           उदा० Placentaद्वारा माँ से गर्भश्यस्थ शिशु में IgG का परिवहन Colstrum मिल्क में IgA का बच्चे में जाना                               Ex-टीटनिस का इंजेक्शन आदि।

टीकाकरण (Bacsination)

सबसे पहली Bacsin (चेचक) Small Pox के रोग के लिए बनाई गई थी। इस Bacsin का अविष्कार किसी रोग के रोगाणुओ को प्रभाहीन बनाकर या मारकरBacsin तैयार की जाती है। तथा इस Bacsin को शारीर के अन्दर प्रवेश कराना ही टीकाकरण (Bacsination) कहलाता है। टाईफाइट काली खासी तथा डिप्रिथिया आदि रोगों में जीवाणुओ में टिका लगाया जाता है। पीलिया प्रति ज्वर खसरा चेचक विषणु जीनत रोगों के लिए विषाणुओको प्रभावहिन वनकर टिके तैयार किये जाते हैं।

एलर्जी (Allerggy)

किसी एंटीजन या पयावर्णीय पदार्थो के प्रति प्रतिरक्षा की अतिक्रिया शीलता एलर्जी कहलाती है।

  • वे करक जो एलर्जी करते हैं उन्हें एलर्जी कहते हैं।
  • एलर्जी IgE Antibody संयोजी एलर्जी इन IgE एंटीबाडी से जुड़े रहते हैं।
  • एलर्जी अब मास्ट कोशिकाओ से Histamine और इस प्रकार शारीर से एलर्जी हो जाती है।

एलर्जी (Allerggy)

स्वप्रतीक्षा रोग (Auto Immuno Disease)

ये प्रतिरक्षा तंत्र की अवस्था है। जिसमे प्रतिरक्षा तंत्र वाह्य अणुओ को नष्ट करने के बजय अपनी की कोशिकाओ को नष्ट करने लगता है। जिसके परिणाम घाटक होते हैं। इस प्रकार के रोगों को ही Auto Immuno Disese कहते है। ये रोग स्वयं के एंटीजन पर निर्भर करते हैं।

Example- Rheumation  Arthritise (आमबाती सन्धिरोध)

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निष्कर्स

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हमने आपको मानव स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी मानव स्वास्थ क्या है। मानव स्वास्थ्य के रोगों के बारे में जानकारी दी और आपको सक्रिय निष्क्रिय प्रतीक्षा के इत्यदि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी आपको दी। आशा करता हूँ। अब आपको मानव स्वास्थ्य की जानकारी पूरी तरह मिल गई होगी। अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। ताकि उन्हें भी मानव स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सके। एक बार हमें कमेंट करके जरुर बताएं। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा धन्यवाद।

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