पर्यावरण प्रदूषण से होने वाले लाभ और हानि – Pollution Effects जरुर देखें

पर्यावरण प्रदूषण
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हेल्लो दोस्तों कैसे हैं आप लोग आशा करता हूँ सब बहुत बढ़िया होंगे। पिछले आर्टिकल में हमने आपको कोशिका के बारे मे महत्वपूर्ण जानकारी दी और आज हम आपको इस आर्टिकल में बताने जा रहे हैं। पर्यावरण प्रदूषण या पर्यावरण प्रदूषण से होने वाले लाभ और हानि पर्यावरण प्रदूषण क्या है। पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार पर्यावरण प्रदूषण निबंध लिखने के बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं।

दोस्तों पर्यावरण प्रदूष्ण  कई बिमरोयो की बजह हो सकती है। जिससे हमारे शारीर पर कई तरह का प्रभाव पढ़ता है। पर्यावरण प्रदूष्ण में विषाक्त पदार्थों का अस्तिव्त है जो पर्यावरण में प्रतिकूल का कारण बनता जा रहा है। पर्यावरण प्रदुषण मानव एंव जीव जन्तुओ को प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाहित करता है। पर्यावरण प्रदूषण क्या है। इससे सम्बंधित पूरी जानकारी जानने के लिए हमारे इस आर्टिकल को अंत तक ध्यानपूर्वक जरुर पढ़ें।

निषेचन किसे कहते हैं? 

पर्यावरण प्रदूषण क्या है?

मानव जीवन सदा ही पर्यावरण से प्रभाहित रहा है। यूज़ अपने जीवन को सुचारुरूप चलने के लिए संतुलित पर्यावरण की आवश्कता रही है। संतुलित पर्यावरण से तात्पर्य है पर्यावरण से संबंधी सभी स्वास्थ्यव्द्ररक आवश्यक तत्वों का निश्चित अनुपात में रहना। किन्तु जब इसमें विषैले तत्वों की अधिकता अथवा किसी अनिवार्य तत्व की अधिकता या कमी हो जाती है तो पर्यावरण में असंतुलित पैदा हो जाता है। इसे ही पर्यावरण का दूषित होना अथवा पर्यावरण प्रदुषण कहते हैं।

प्रदुषण वृधि के कारण

प्रदुषण का जन्म अँधाधुंध वैज्ञानिक प्रगति के कारण हुआ है। जब से मनुष्य ने प्रक्रति के साथ छेड़ छाड की है। तव से प्रक्रति मनुष्य पर कुंपित है मनुष्य ने अपने वभन सुन्दर बनाने के लिए वन कटवा दिए। हरियाली की बजह ईट बजरी और तारकोल बनाये दिन रात कारखाने चलाने के लिए बिधुत ग्रह और ताप ग्रह बनाए। परमाणु भाटियो और प्लास्टिक जैसी घातक कृत्रिम वस्तुओ के निर्माण परमाणु हथियारों बमो और कीटनाशको में वह पूर्णतया संलगन रहा। विशल की समस्त वस्तुएं उसने बना डाली और इन सब का परिमाण यह हुआ की वतावरण में जहर घुल गया।

पर्यावरण प्रदूषण

  1. जल प्रदुषण
  2. वायु प्रदुषण
  3. मृदा प्रदुषण
  4. ध्वनी प्रदुषण
  5. रेडियो धर्मी प्रदुषण

जल प्रदुषण

जल प्रदुषण धरती पर लगातार एक बढती समस्या बनता जा है। जो सभी पहलुओ से मानव और जानवरों को प्रवाहित कर रहा है। मानव गतिविधियों के द्वारा उत्पन जहरीले प्रदुषण द्वारा पिने का मैला पान ही जल प्रदुषण कहलाता है। जल कई स्रोतों से दूषित हो रहा है। घरेलु अविशिष्ट पधारत पदार्थ जैसे फल और सब्जियों के छिलके और घरो से निकला हुआ कचरा कचरा कई बार नदियों और दुसरे स्रोतों में जल मिल जाता है।

air pollution

एक समय साफ सुथरी पवित्र माने जाने वाली हमारी नदिया आज एक बीमारियों का घर बन गई हैं। क्योंकि इनमे भरी मात्रा में प्लास्टिक पदार्थ रासयनिक कचरा और और दुसरे कई प्रकार के नान बायोडीग्रेडबल कचरे मिल गए है। जिसकी बजह से आज जल प्रदुषण बढ़ रहा है।

वायु प्रदुषण

मानव जीवन के लिए वायु होना बहुत आवश्यक है। स्वच्छ वायु में रासयनिक सूक्ष्म पदार्थ धूल विषैली गैसे जैबिक पदार्थ कार्बन डाइ ऑक्साइड आदि के कारण वायु प्रदुषण होता है। वायु प्रदुषण के कारण साँस लेने में दिक्कत और बिमारिय हो जाती हैं। यहाँ तक की फेफड़ो के कैंसर होने का मुख्य कारण हवा का प्रदूषित होना ही है। इसके साथ साथ वायु अन्य शारीरिक अंगो को भी प्रभाहित करती है। प्रदूषित हवा में साँस लेने के कारण हमारा स्वास्थ दिन प्रतिदिन ख़राब होता जा रहा है। वायु प्रदुषण के निरंतर बढने के पीछे कई कारण है।

सबसे पहला कारण परिवहन साधन से निकलने वाली धुआं जो वायुमंडल को सबसे ज्यादा प्रदूषित करता है। दूसरा कारण है बढ़ते हुए औद्योगीकरण और उनसे निकलने वाला धुंआ जो पर्यावरण में मिलकर शुद्ध को प्रदूषित करता है। तीसरा कारण है मनुष्य की बढती हुई जनसंख्या और उनकी आवश्यकता में हो रही वृद्धि जो प्रदुषण होने का मुख्य कारण है। सभी तरह के प्रदुषण पर्यावरण से जुड़े हुए हैं जो हमें प्रभाहित करते हैं।

मृदा प्रदुषण

मृदा प्रदुषण उपजाऊभूमि की मिट्टी का प्रदुषण है जो कि धीरे धीरे उवर्रक और औधोगिकीकरण के उपयोग के दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। आधुनिक समय में पूरी मानव विरादरी के लिए मृदा प्रदुषण एक बड़ी चौनोती बन गया है। स्वास्थ जीवन को बनाये रखने के लिए मिट्टी सबसे महत्वपूर्ण प्राक्रति संसाधन है। जहा यह कई छोटे जानवरों का घर है। वही यह पेड़ पौधों का जीवन भी है। मिट्टी का मनुष्य द्वारा चक्र बनाये रखने के लिए विभिन्न उत्पादन के लिए भी उपयोग किया जाता है।

हलाकि मानव आबादी में वृधि के लिए से जीवन को आराम से जीने के लिए फसलो के उत्पादन और अन्य तकनीकी संशाधनो की अवश्यकता बढ़ जाती है। कई अत्यधिक उवर्रक बाजार में उपलब्ध हैं जो फसल उत्पादन को बेहतर बनाने के लिए अपने आप को सर्वश्रेष्ट बताता है।

ध्वनी प्रदुषण

दोस्तों ध्वनी प्रदुषण की समस्या हमारे देश में बहुत ज्यादा बढ़ गई है। ध्वनी प्रदुषण केवल मानव जाति के लिए घातक नहीं है। यह अन्य जीव जन्तुओ के लिए भी हानिकारण है। ध्वनी प्रदुषण उधोगो में लगी बड़ी मशीने तथा दूसरे तेज आवाज करने वाले यंत्रो के उत्पन्न होता है। इसके साथ ही सडक पर चलने वाले वहान पटाखे फूटने के कारण उत्त्पन होने वाली आवाज़ लाऊड स्पीकर से भी ध्वनी प्रदुषण में वृधि होती है।

ध्वनी प्रदुषण मानव में होने वाले मानसिक तनाव का मुख्य कारण है। जोकि मस्तिक पर कोई दुषप्रभाव डालने के साथ ही सुनने की शक्ति को भी घटता है।

रेडियो धर्मी प्रदुषण

ठोस तरल या गैसीय पदार्थ में जहाँ अनायास या अवंहानिय रेडियो धर्मी पदार्थ की उपस्थिति होती है। यूज़ रेडियो धर्मी प्रदुषण कहते हैं। ऐसे विशेष तत्व वाले गुण जिन्हें आइसोटोप कहते कहते हैं। और रेडियो धर्मी विकसित करते हैं जिसमे मानव जीव जन्तु वनस्पतीयां एंव पर्यावरणीय घटकों को हानि होने की सम्भावना होती है तो इसको नाभीकिय या रेडियो धर्मी प्रदुषण कहते हैं।

Pollution Effects

परमाणु उर्जा उत्पादन और परमाणु हथियारों को अनुसंसाधन निर्माण और तैनती के दौरान उत्पन्न होता है। मनुष्य व जीवो में विकलांगता बीमारियाँ भावी पक्षियों में गर्भ की म्रत्यु आदि तापमन गिरना वस्पतियों का विनाश होना।

जैव प्रौद्योगिकी क्या है 

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बताया पर्यावरण प्रदूषण क्या है। पर्यावरण प्रदूषण प्रस्तावना और इससे सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी आशा करता हूँ। अब आपको पर्यावरण प्रदूषण की पूरी जानकारी मिल गई होगी। अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि पर्यावरण प्रदूषण के बारे में उन्हें भी जानकारी प्राप्त हो सके। एक बार हमें कमेंट करके जरुर बताएं। आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा धन्यवाद।

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