वनस्पति विज्ञान के पिता कौन हैं – एवं उसकी शाखाएं (Father Of Botany)

वनस्पति विज्ञान के जनक
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हेल्लो दोस्तों कैसे हैं आप लोग आशा करता हूँ आप सब बहुत बढ़िया होंगे। पिछले आर्टिकल में हमने आपको मुँहासे के लिए सबसे अच्छी क्रीम के बार में बताया और आज के इस आर्टिकल हम आपको बताएँगे वनस्पति विज्ञान क्या है। वनस्पति शास्त्र के पिता कौन है। वनस्पति शास्त्र की शाखाएं क्या आप भी जनना चाहते हैं। वनस्पति विज्ञान क्या है और इसके जनक कौन है तो आप बिल्कुल सही जगह आये हैं। यहाँ हम आपको यह सारी जानकारी विस्तार से बताएँगे।

हमारे जीवन के विकास के लिए और कुछ पुराने तथ्य की खोज बीन या जांच करने के बाद पुरानी वनस्पतियों में खूब अच्छे से शोध करना पड़ता है काफी ज्यादा गहराई से पड़ना पड़ता है। इस तरह अन छुए रहस्यों का वैज्ञानिक रीति से किया गया। उद्घाटन सचमुच चमत्कृत कर देता है। ऐसे अध्ययनों में वनस्पति शास्त्र की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है। वनस्पति विज्ञान क्या है वनस्पति शास्त्र के पिता कौन हैं। ये सभी जानकारी जानने के लिए हमारे द्वारा लिखे गए इस आर्टिकल को अंत तक ध्यानपूर्वक जरुर पढ़ें।

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वनस्पति विज्ञान क्या है? (What is Botany)

दोस्तों वनस्पति विज्ञान को हम बोलते हैं। पादपविज्ञान जिसमे पादपो का अध्ययन होता है। सामन्य अर्थ में जीवधारियो को दो प्रमुख वर्गों प्राणियों और पादपो में विभिक्त किया गया है। दोनों में अनेक समानताएं है। दोनों के शारीर रचनाओ कोशिकाओ और ऊतको से बनी हैं। दोनों के जीवनकार्य में बड़ी समानता है। उनकी श्वसनक्रिया भी लगभग एक सी ही है। पादप प्राणियों से कुछ मामलो में भिन्न होते हैं जैसे पादपो में क्लोरोफिल नामक हरा पदार्थ रहता है जो प्राणियों में नहीं पाया जाता है। पादपो में कोशिका भित्तियां सामान्यत: पाई ही नहीं जातीं हैं। अधिकांश पदार्थो में गमनशीलता नहीं होती है जो प्राणी में सक्षम होते है।

वनस्पति विज्ञान के जनक कौन है? (Father of Botany)

वनों का अध्ययन करना ही वनस्पति विज्ञान कहा जाता है। वनस्पति शास्त्र का जनक थियोफ्रेस्टस को माना जाता है। वनस्पति विज्ञान की खोज सन 1831 में की गई थी। वनस्पति शास्त्र की एक उप शाखा जिसमे हम वनो का अध्ययन करते है। वनस्पति शास्त्र कहलाते हैं वनस्पति शास्त्र अध्ययन मनुष्य के लिए महत्वपूर्ण है। क्योंकि वनस्पति विज्ञान के माध्यम की उत्पति उनका विकास शारीरिक संरचना जैविक प्रिकिया व्यवहार वर्गीकरण जाति वंश आनुवंशिकता इत्यादी पहलु का ज्ञान प्राप्त होता है। चलिए वनस्पति  विज्ञान की मुख्य शखाओ की बात कर लेते हैं। 

What is Botany

सूक्ष्म जीव क्या है? (What is Microbe)

ऐसे संजीवो को जिन्हें हम सूक्ष्मदर्शी यंत्र की सहायता से ही देख सकते हैं। उन्हें सूक्ष्म जीव कहते हैं। ऐसे उपकरण जिसकी सहायता से सूक्ष्मजीवो को आसानी से देखा जा सकता है। वो सूक्ष्मदर्शी यन्त्र कहलाते हैं। जल की बूंद में अनेक प्रकार के जलीय सूक्ष्मजीव पाए जाते हैं। जिन्हें हम सूक्ष्मदर्शी की सहायता से देख सकते हैं।

सूक्ष्म जीव कहा पाए जाते हैं?

सूक्ष्म जीव सभी जगहों पर पाए जाते हैं जैसे वायु में जल में सभी सतहों पर तथा सभी जीवित वस्तुओ में। ये ठण्डे तथा गर्म स्रोतों में हर परिस्थितियों में रह सकते हैं सूक्ष्म जीव मरुस्थल दलदल एंव मनुष्य सहित सभी संजिवो के शारीर के अंदर भी पाए जाते हैं।

जीवाणु क्या है? (What is Bacteria)

ये प्रोकैरियोटिक एक कोशिकीय जीव है। इसकी खोज हालैंड के निवाशी एन्टोंनी वॉन ल्युवेनहॉक ने की थी। जीवाणु की खोज के कारण ल्युवेनहॉक को बैक्टीरियोलॉजी का पिता कहा जाता है। जीवाणुओ के अध्ययन को बैक्टीरियोलॉजी कहते हैं। जीवाणु सर्वव्यापी होते हैं ये स्थल मुर्दा वायु जल भोजन आदि।

जीवाणु कहा पाए जाते हैं?

जीवाणु सरल छोटे जीवित सूक्ष्मजीव जो हर स्थान पाए जाते हैं और जिन्हें नग्न आँखों से नहीं देखा जा सकता है। जीवाणु ऐसे जीवन रूप हैं जो ऐसी एकल कोशिकाओं से मिलकर बने होते हैं। जिनमें कोई केन्द्रक नहीं होता है। जीवाणु तेज़ गति से प्रजनन करने कर सकते हैं।

जीवाणुओ से लाभ (Benefits from Bacteria)

भूमि की उवार्ता बढ़ने में जीवाणु बहुत महत्वपूर्ण हैं। दलहनी फसलो जड़ो में रैजोबियम नामक जीवाणु वायुमंडलीय नाइट्रोजन को ग्रहण करके मृदा उवार्ता की वृधि करता है। यह मुदा पदार्थो को सडा गलाकर सरल यौगिक में बदलता है।

जैसे- मृत पदार्थ – अमोनिया , नाइट्रोजन- नाइट्रेट

वनस्पति विज्ञान की शाखाएं (Branches of Botany)

 

Branches of Botany

सूक्ष्म जीव विज्ञान (Microbiology)

सूक्ष्म जीव विज्ञान को इंग्लिश में Microbiology कहते हैं। सूक्ष्म जीव के अंतर्ग्रत सूक्ष्म जीवो का अध्ययन किया जाता है जैसा कि नाम से ही प्रतीत हो रहा है।

जीवाणु विज्ञान (Bacteriology)

जीवाणु विज्ञान को इंग्लिश में bacteriology कहा जाता है और जीवाणु विज्ञान के अंतगर्त जिवाणुओ का अध्ययन किया जाता है।

ब्रोयोलोजी (Bryology)

ब्रोयोलोजी को इंग्लिश में Bryology कहते हैं। ब्रोयोलोजी के अंतगर्त ब्रोयोफाइटा का अध्ययन किया जाता है।

पारिस्थितिकी (Ecology)

पारिस्थितिकी को इंग्लिश में Ecology कहा जाता है। पारिस्थितिकी के अंतगर्त जीवो का वातावरण के संबंधो का अध्ययन किया जाता है।

टेरिडोलोजी (Pteridology)

तेरिडोलोजी को इंग्लिश में Pteridology कहा जाता है तेरिडोलोजी के अंतगर्त तेरिड़ोफाइटा का अध्ययन किया जाता है।

आवृतबीजिकी (Angiosperms)

आवृतबीजिकी को इंग्लिश में Angiosperms कहा जाता है। वनस्पति विज्ञान के अंदर आवृतबीजिकी में पुष्पीय पादपो का अध्ययन किया जाता है।

आन्तरिकी (Anatomy)

आन्तरिकी को इंग्लिश में Anatomy कहा जाता है। आन्तरिकी के अंतर्ग्रत जीवो की आन्तरिक संरचना का अध्ययन किया जाता है।

कोशिका विज्ञान (Cell Biology)

कोशिका को इंलिश में cell कहते हैं। कोशिका विज्ञान को इंग्लिश में Cytology कहा जाता है कोशिका विज्ञान के अंतग्रत कोशिकाओ का अध्ययन किया जाता है।

वृक्षायुर्विर्ज्ञान (Agronomy)

वृक्षायुविर्ज्ञान को इंग्लिश में Dendrochronology कहा जाता है वृक्षायुविर्ज्ञान के अंतर्ग्रत वक्षो की आयु का अध्ययन किया जाता है।

आर्थिक वनस्पति विज्ञान (Economic Botany)

आर्थिक वनस्पति विज्ञान को इंग्लिश में Economic botany कहते हैं आर्थिक वनस्पति विज्ञान के अंतग्रत आर्थिक महत्व के पौधों का अध्ययन किया जाता है

बैक्टीरिया की खोज सर्वप्रथम किसने की थी

निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बताया वनस्पति विज्ञान क्या है। वनस्पति शास्त्र के जनक कौन हैं वनस्पति विज्ञान की शाखाएं और आपको वनस्पति विज्ञान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी। वनस्पति विज्ञान का अध्ययन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है आशा करता हूँ। अब आपको पता चल गया होगा वनस्पति शास्त्र क्या है और वनस्पति शास्त्र के जनक कौन है। अगर आपको हमारी यह जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। ताकि वनस्पति विज्ञान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी उन्हें भी प्राप्त हो सके। एक बार हमें कमेंट करके जरुर बताएं आपको हमारा यह आर्टिकल कैसा लगा धन्यवाद। अगर आपको रोजाना ऐसे ही इस्तेमाल में आने वाले पड़ाई-लिखाई से मिलते जुलते लेख चाहिए तो हिंदी बायोलॉजी वेबसाइट को हमेशा ही विजिट करते रहें। क्योंकि हम इस वेबसाइट पर हमेशा आपके इस्तेमाल में आने वाले लेख को लिखते रहते हैं।

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