जन्तु विज्ञान के जनक कौन है – एवं उसकी शाखाएं

जन्तु विज्ञान के जनक
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हेल्लो दोस्तों कैसे हैं आप लोग आशा करता हूँ आप सब बहुत बढ़िया होंगे। हमने पिछले आर्टिकल में आपको पेड़ पौधे हमारे श्वसन(सांस) के लिए क्यों जरुरी होते हैं। इससे सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी आपको दी और आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे जन्तु विज्ञान क्या है। जन्तु विज्ञान के जनक कौन है जंतु विज्ञान की परिभाषा जंतु विज्ञान का उपयोग करने के बारे में हम आपको इस आर्टिकल में बताने वाले हैं। क्या आप भी जनना चाहते हैं जन्तु विज्ञान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जनना तो आप बिल्कुल सही जगह आये हैं।

आज के इस आर्टिकल के माध्यम से ही हम आपको जन्तु विज्ञान के बारे में सारी जानकारी देने वाले हैं। जन्तु विज्ञान जंतु विज्ञान की परिभाषा जंतु विज्ञान का उपयोग कैसे करें। जन्तु विज्ञान के जनक कौन है यह जानने के लिए आपको हमारे द्वारा लिखे गए आर्टिकल को अंत तक ध्यानपूर्वक पढना होगा।

मनुष्य का वैज्ञानिक नाम

जंतु विज्ञान क्या है?

जीव विज्ञान की वह शाखा है जो जन्तुओ और उनके जीवन शरीर और वर्गीकरण से सम्बंधित होती है। प्राणी की परिभाषा कई प्रकार से की गई है। बहुत से लोग प्राणी ऐसे जीव को कहते हैं जो कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन और वसा का सृजन करने वाले पादप जाति के जीव होते हैं। जो अकार्बनिक स्रोतों से प्राप्त पदार्थो से इनका सृजन करते हैं। कवक और जीवाणु ऐसे हैं जो अपना भोजन बाहा स्रोत्रों से प्राप्त करते हैं। लेकिन कुछ ऐसे प्राणी भी हैं जो स्टार्च का सृजन स्वय करते हैं।

अत: प्राणी और पादप में विभेद करना कुछ दशाओ में कठिन हो जाता है। यही कारण है कि जन्तुविज्ञान और पादप विज्ञान का अध्यान एक समय की एक ही शाखा के साथ किया जाता है। और उनका नाम जैविक या जीव विज्ञान दिया गया है। पर आज ये शाखाएं इतनी विकसित हो गई हैं। कि इनका सम्यक अध्यान करना संभव नहीं है। अत: आजकल जन्तुविज्ञान तथा पादप विज्ञान का अध्यान अलग अलग किया जाता है।

जन्तु विज्ञान के जनक कौन है?

जन्तुओ का अध्ययन करना ही जन्तु विज्ञान कहा जाता है। Zoology एक ग्रीक भाषा का शब्द है। जन्तु विज्ञान का जनक जंतु विज्ञान के जनक ग्रीक दार्शनिक अरस्तू थेको माना जाता है। जीव विज्ञान की एक उप शाखा जिसमे हम जीव जन्तुओ और एनिमल का अध्ययन करते है। जन्तु विज्ञान का अध्ययन मनुष्य के लिए महत्वपूर्ण है। क्योंकि जन्तु विज्ञान के माध्यम की उत्पति उनका विकास शारीरिक संरचना जैविक प्रिकिया व्यवहार वर्गीकरण जाति वंश आनुवंशिकता इत्यादी पहलु का ज्ञान प्राप्त होता है। चलिए जन्तु विज्ञान की मुख्य शखाओ की बात कर लेते हैं। 

जन्तु विज्ञान

शारीर रचना विज्ञान (Anatomy)

यह जीव विज्ञान की वह शाखा है जो शारीर के आंतरिक संरचना से संबंधित है। एनाटोमी शाब्दिक अर्थ होता है। किसी जीवित चल या अचल वस्तुओ का काटकर उसके अंग प्रत्यंग की संरचना का अध्ययन करना। अचल में वनस्पति जगत तथा चल में जन्तु जगत का समावेश होता है। जब किसी जब किसी जन्तु या वनस्पति विषेश की शारीर संरचना का अध्ययन किया जाता है।

न्यूरोलॉजी (Neurology)

जिस विज्ञान में मानव शारीर की तन्त्रकाओ का अध्ययन तथा उपचार किया जाता है। उसे न्यूरोलॉजी कहते हैं। न्यूरोलॉजी में विभिन्न प्रकार के सिर दर्द मिर्गी माइग्रेन न्यूरोपोथी इत्यादी रोगों का इलाज होता है। विषेश्र्गियो के अनुशार लगभग 10% अवधि न्यूरोलॉजी से सम्बंधित किसी न किसी रोग से पीड़ित हैं। आमतौर पर इसके उपचार के लिए न्यूरोलॉजीस्ट या न्यूरोसर्जन की मदद लेनी पढ़ती है।

अनुजैविकी(Molecular Biology)

मॉलिक्यूलर बायोलॉजी जीव विज्ञान की वह शाखा है। जिसमे कोशिकाओ के भीतर और आस पास में चलने वाली जैविक क्रियाओ को अणुओ के स्थर पर अध्ययन किया जाता है। इसमें कोशिकाओ के ऊपर विभिन्न प्रकार के अणुओ के प्रभाव का कोशिकाओ में अणुओ के निर्माण व बदलाव का और कोशिकाओ में अणुओ से सम्बंधित सभी प्रिक्रियाओ का अध्ययन किया जाता है। विभिन्न प्रकार के कोशिका में DNA और RNA में अणुओ के बिच होने वाली परस्पर क्रिया प्रोटीन संश्लेष्ण और ये सब संरचनाए किस प्रकार विस्थित रहती हैं। इस विषय में इन सब पर सुध होता है। मॉलिक्यूलर बायोलॉजी कोशिका के विभिन्न भागो के निर्माण कार्य और नियमो को समझने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिसका प्रयोग नई दवाओ कुल्क्षित करने रोग का निदान करने और कोशिका के शारीर विज्ञान को समझने में किया जाता है।

अनुवांशिकता (Genetics)

जीव विज्ञान की वह शाखा है जिसके अंतर्ग्रत आनुवंशिकता (Heridity) और जीवो की विभिन्ताओ का अध्यान किया जाता है। गीर्गोर जॉन मेंडल ने अपने वैज्ञानिक खोजो से आधुनिक आनुवंशिकी (Mendal Genetics) की नींव डाली। इसलिए मेंडल को अनुवांशिकी का पिता (Father of Ganetics) कहा जाता है। विशिस्ट वुनो का संचरण और उत्पति जैसे आँखों का रंग वालो की बनबट उचाई आदि आनुवंशिकी के अंतर्ग्रत आते हैं।

जन्तु विज्ञान की परिभाषा

जन्तु विज्ञान का अध्ययन मनुष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मनुष्य के चारो ओर अलग अलग प्रकार के जन्तु रहते हैं। वह उन्हें देखता है और उनको उनसे बराबर काम पढ़ता है। कुछ जन्तु मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हुए हैं। अनेक जन्तु मनुष्य के आहार होते हैं। जन्तुओ से ही हमें दूध प्राप्त होता है कुछ जन्तुओ से हमें ऊन प्रदान करते हैं। जिससे बहुमुल्य ऊनि वस्त्र तैयार किए जाते हैं। जन्तुओ से ही हमें रेशम मधु लाख आदि बड़ी उपयोगी वस्तुएं प्राप्त होती हैं। जन्तुओ से ही अधिकांश जुताई होती है वैल घोड़े गड्ढे खच्चर आदि परिवहन का काम करते हैं।

जन्तु विज्ञान की परिभाषा

कुछ जन्तु मनुष्य को कष्ट पहुचाते हैं। फसल नष्ट करते हैं पीड़ा देते हैं और कभी कभी किसी की जान भी ले लेते हैं। अत: इसलिए जन्तु विज्ञान का अध्ययन हमारे लिए महत्वपूर्ण है। बैध्दिक विकास के कारण मनुष्य अन्य जन्तुओ से भिन्न होता है पर शारीरिक बनावट और शारीरिक जन्तुओ में अन्य कुछ जन्तुओ से बड़ी समान्ता रखता है। इन कुछ प्राणियो की इद्रियाँ और कार्यप्राणली मनुष्य इद्रियाँ और कार्यप्राणली से बहुत मिलती झूलती हैं। इससे अनेक नई ओषधियो के प्रभाव का अध्यान करने में इन जन्तुओ से लाभ उठाया गया है। और इनकी नई नई ओषधियो से अबिष्कार में सहयता मिली है।

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निष्कर्ष

आज के इस आर्टिकल में हमने आपको बताया जन्तु विज्ञान क्या है। जन्तु विज्ञान की परिभाषा और जन्तु विज्ञान के जनक कौन है इससे सम्बंधित सारी जानकारी आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से आपको दी आशा करता हूँ। अब आपको जानकारी मिल गई होगी की जन्तु विज्ञान के जनक कौन है। अगर आपो हमारी यह जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। ताकि उन्हें भी जन्तु विज्ञान के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सके। एक बार हमें कमेंट करके जरुर बताएं आपको हमारी यह जानकारी कैसी लगी धन्यवाद।

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